आँखन-देखी
नहीं
आपन-बीती
😊 प्रीतिभोज 😊
(व्यंग्य अनुशीर्षक में)
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18 AUG 2022 AT 19:33
किसीको हमारी बदकिस्मती नज़र आ रही है,
तो किसीको लाचारी,
अब यकिं बता दिलाएं कैसे किसी को,
कि जिंदगी सिर्फ जीने के लिए
करनी पड़ रही है हमको मारामारी..✍️आनन्द"-
19 APR 2023 AT 20:11
ये मारा- मारी, भागादौड़ी, ये आपाधापी कैसी है
साँसों में पल - पल घुलती जहर बेताबी कैसी है
तुम कहते हो जो शहर में सब अच्छा ही होगा
गर अच्छा है तो बोलो धड़कन में खराबी कैसी है।
✍️--" विशाल विद्रोही "-
13 JAN 2021 AT 7:12
बायकोशी केलेली
शाब्दीक 'मारामारी'
'उपासमारीत' परावर्तित
होण्याची दाट शक्यता
असते.😂🤣
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17 JUN 2019 AT 14:42
शून्य ही लक्ष्य है, जब अंतिम
फिर क्यूँ आपाधापी है,अंकों के पीछे
रह जायेगा सब, इसी जग में
फिर क्यूँ मारामारी है,दौलत के पीछे-