भूलता ही नहीं दिल उस अजनबी को,
जिसे ख्वाबों में अपना बना रहे हैं हम,
उस मुक़ाम पे आ पहुंची है मोहब्बत भी,
किसी को सोच कर बस मुस्कुरा रहे हैं हम,
उसके बाद फिर जीने का मज़ा न रहा,
हर एक शब दिल को जला रहे हैं हम..
किसी भी हाथ को थामेंगे हम नहीं कभी,
किये वो वादे वो अब तक निभा रहे हैं हम।।
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