QUOTES ON #भूलताहीनहीं

#भूलताहीनहीं quotes

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2 JAN 2021 AT 9:28

वो मेरी मोहब्बत को
जो कभी मुझ को बेवफ़ा कहता था

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2 JAN 2021 AT 14:31

जो हुआ भी नहीं
वो इश्क़ तेरा,
मुझ से है

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22 AUG 2018 AT 20:48

Tumhari unn yadoko .
Tumhari jhooti wadoo ko.
Bhoolta hi nahi.
Khauf saa Chaya rahta Tha.
Dilo dimag maay yuu.
Kya bhool toh nahi jaaogay kabhi.
Aab na tum hoo paas.
Aur na tum rahi khaas.
Phir bhi maay kyun.
Bhoolta hi nahi.

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8 APR 2019 AT 19:25

तेरे प्यार की वो बातें हम भूल नहीं पाएँगे,
जी भर के जिसे देखा हम भूल नहीं पाएँगे।
तुम क्या जानोगे हाल मेरा तस्वीर लिए बैठे हैं,
तस्वीर रखी जब सीने पर हम भूल नहीं पाएँगे।
तेरी हर अदा पर मैं सौ बार मरा करता था,
धीरे से तेरा हँस जाना हम भूल नहीं पाएँगे।
दिल जोर से जब धड़का तब याद बहुत आए,
कैसे मैं उसे समझाया हम भूल नहीं पाएँगे।
क्या याद करोगे तुम शायद हमको फिर से,
तुम भूल भले जाओ हमको हम भूल नहीं पाएँगे।।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)

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24 AUG 2018 AT 0:08

वो तेरी नीली आँखे
अक्सर जो मुझसे बातें किया करती थी
भूलता_ही_नहीं
वो तेरी पायल की झंकार
जो मुझसे मिलने को बेचैन हुआ करती थी
भूलता_ही_नहीं
वो तेरी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ
जो मेरा नाम लिया करती थी किसी रोज़
भूलता_ही_नहीं
वो तेरे आने से हवा में अलग सी महक
जो मुझे तेरी ओर खींचा करती थी
भूलता_ही_नहीं
वो तेरे दिये जख्म
जो आज भी मेरे सीने में चुभते है

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तेरा यू बात बात पर मुस्कुराना,
बिन कुछ कहे सब बयान कर जाना,
भूलता ही नहीं ये दिल,
नम आंखे लेकर तेरा यू मेरी बाहों में सिमट जाना,

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2 JAN 2021 AT 21:01

भूलता ही नहीं दिल उस अजनबी को,
जिसे ख्वाबों में अपना बना रहे हैं हम,

उस मुक़ाम पे आ पहुंची है मोहब्बत भी,
किसी को सोच कर बस मुस्कुरा रहे हैं हम,

उसके बाद फिर जीने का मज़ा न रहा,
हर एक शब दिल को जला रहे हैं हम..

किसी भी हाथ को थामेंगे हम नहीं कभी,
किये वो वादे वो अब तक निभा रहे हैं हम।।

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1 JAN 2021 AT 22:56

जो हुआ लगता वही सही l
वो लम्हा लम्बा सा,
शीतल जल सा थमा सा l
वो मुलाकाते मिले तेरी बाहें ,
वो राते सुनता तेरी बाते l
वो मुस्कान की चाह में,
मंज़िल जाने की राह में ll

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2 JAN 2021 AT 16:34

दिल की टूटी धड़कनों में गुमनाम इश्क़ की पहेली ।
मानो जैसे कल ही तो थी मेरे हाथों में उसकी हथेली ॥

हथेली जिसको मन की छुअन ने छुआ था ।
और फिर अचानक दिल के कोने में कुछ हुआ था ॥
कुछ ऐसा जो समझ से परे था ।
हैरान मन को भी रूहानियत से भरे था ॥

यादों ने खेली मेरे अतीत के पन्नों से कुछ ऐसी अठखेली ।
मानो जैसे कल ही तो थी मेरे हाथों में उसकी हथेली ॥

वयां करता है अतीत का वो महफूजः सा दौर ।
चलती कलम की खामोश श्याही का ये शोर ॥
अब खलिश दर्द ही नशेमन में मुन्तज़िर है बेशुमार ।
दिल के फितूर का फ़क़त दर्द ही तो है पहला यार ॥

ज़हन में आज भी ज़िंदा है नादानियों की वो आवारा गली ।
मानो जैसे कल ही तो थी मेरे हाथों में उसकी हथेली ॥

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15 NOV 2018 AT 14:44

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