आकुल व्याकुल जीव-जगत सबकी दशा विचार पूर्व दिशा प्रत्यक्ष प्रकट हुएं देव सूर्य मंगलाचार कनक कलेवर रश्मि सुसज्जित उदित दिव्य आचार पौध-पात लता पताएँ जीव-जंतु अपलक रहें निहार पीयूष पात्र किरणों में लिए वसुधा पर रहे ढार रोग शोक आधि व्याधि निवारनार्थ अलंकार
उदित हुआ भानु व्योम पर चहुँ ओर प्रकाश फैला रहा जागो प्यारे पक्षियों का कलरव बता रहा प्रकृति नहीं रुकती कभी यह संदेशा दे रहा सभी जुटे अपने कार्यों पर तू क्यों सो रहा।
दिल भगवान इस दिल की बीमारी का इलाज क्यों नहीं प्रदान किए हैं । ।अगर इलाज प्नदान नहीं किए हैं तो इधर-उधर दो दिल को बहने क्यों छोड़ दिए हैं। यहां तो देखते हैं यही बीमारी से ज्यादा ग्रसित है। जिसकी दवा भी नहीं। इलाज भी नहीं। — % &
मेरी दुआओं में इतना असर भर दो,,पूरी मन की हर एक मनोकामना कर दो,,हर लम्हा खुशियों का गुंजन हो जहां,,, सब के नसीब में ऐसा शहर कर दो।। सब के होठों को मुस्कुराने का फन दे के ,, हे ईश्वर,सब के दुख दर्द हर दो।।🙏🙏
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