तुम फिर मिलोगे,
दिल यह कहता है
फिर खुशनुमा लम्हे दोगे
दिल यह कहता है
जहाँ सिर्फ एक दुझे को देख
ही सारे बाते होती है
फिर वही अदायगी दिखाओगे
दिल यह कहता है
वो अजीब सा मजा है तेरी बातों में
जिसे सुन तेरी हो जाती हु
दिल यह कहता है
वो कहकशा फिर शब्दो का छेड़ोगे
कुछ एक जैसे है कुछ ना भी
फिर भो एक दुझे से जुड़ जाते है
दिल यह कहता है
इस बार जब मिलो
फिर थोड़े पास आएंगे
कैसे कब कहा क्यों का
जवाब नही है मेरे पास
दिल यह कहता है
एक बार गले लगोगे
ओर फिर खूब शिकवे तुमसे करूंगी
ओर तुम मुझे मस्ती से देखोगे
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