भाई बहन का प्यार अनोखा,
नोक झोंक दर्शाती है ,
भाई दूज त्योहार है ऐसा
भाई से प्रेम दिखाती है ,
ऐसे अद्वितीय प्रेम पर्व में
उपहार वचन मैं देता हूँ,
जीवन के अंतिम क्षण अपना
तेरी रक्षा में अर्पित करता हूँ।।
अभिषेक कौशिक
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आज मेरी बहनें मेरे साथ नही हैं
जो खाश हुआ करती थीं वो पास नही हैं
दुआ मांगता हूं भगवान से उनकी खुशी की
रखवाला बने भगवान उनकी हंसी की
चली गई दूर जमाने के रश्म निभा के
खुद वो रोई भी थी अपने भाई को रुला के
हर दर्द में साथ वो देती थीं
हर मुश्किलों से उभार देती थीं
पर दूर होकर वो हालात नही है
और जमाना कहता है कोई बात नही है
क्या उनके पास कोई अपनी जज़्बात नही है
आज मेरी बहनें मेरे साथ नहीं हैं-
रिश्तों में रिश्ता एक ख़ास होता है,
भाई से बहन का प्यार बेमिसाल होता है,
हर बात में नोक झोंक होती है उनकी,
वो उसकी विदाई का पल भी खास होता है,
यू तो हर वक़्त थोड़ा सा मनमुटाव रहता है,
पर बिन बहन के भाई भी कहा पूरा होता है,
लाख लड़े वो एक दूसरे से मग़र फिर भी,
बहन का भाई के लिए प्यार बेमिसाल होता है,
क़िस्मत से मिलता है साथ बड़ी छोटी बहन का,
बिन बहन ज़िंदगी का हर रंग बेरंगीन लगता है,
माँगे जो खुशियां भाई की बिन मतलब के,
ऐसा प्यार तो सिर्फ़ एक बहन का होता है!!-
भाईदूज का एक ही तोहफा,
भाई हमारे घर तुम आना।
राह देखती इन आँखों में ,
कुछ खुशियाँ तुम लेकर आना।।
खेले थे हम साथ साथ ही,
किये लड़ाई भी हम तुमसे ।
किन्तु पता था मुझे कहाँ कि
मुझे अलग है रहना तुमसे।।
भाई दूज है पर्व, प्रेम का
इसे निभाने तुम आ जाना।
छोटी बहना से मिलने तुम,
रहना कहीं लौट कर आना।-
अपने गंवार भाई को,
समझदार कहती है....
मैं जब हार जाता हूं,
वो मुझे हौसला देती है.....
हर अल्फाज को,
मेरे वो समझती है....
उसको पढ मुझे,
बहुत खुशी मिलती...
वो सबसे अलग है,
अपनी मस्ती में रहती है...
गंगा की धारा सी,
वो अविरल बहती है....
उसकी शायरियां,
फूलों सी महकती है....
वो हमेशा खुश रहे,
रब से मेरी यही विनती है...-
एक माँ से जन्म लिया है,सदा भाई का सम्मान हो।
कष्ट पड़े तो भाई आए, ना उनका अपमान हो।
भाई को देखूं, भाग्य सराहूं, मां की ये देन महान हो।
भाई भले ही दूर रहे फिर भी आज नया बहुमान हो।
बहन की दुआओं में होती एक अनोखी ताकत है।
भाई बहन के रिश्ते में, एक अनोखी नजाकत है।
याद रखें इस बात को हम, भाई तो आखिर भाई है।
मंगल टीका करूं शीश पे,भाई दूज की बेला आई है।
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