भाई बहन का प्यार अनोखा,
नोक झोंक दर्शाती है ,
भाई दूज त्योहार है ऐसा
भाई से प्रेम दिखाती है ,
ऐसे अद्वितीय प्रेम पर्व में
उपहार वचन मैं देता हूँ,
जीवन के अंतिम क्षण अपना
तेरी रक्षा में अर्पित करता हूँ।।
अभिषेक कौशिक
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अहंकार वंचित रहता हूँ,
मैं "अभिषेक" अलबेला,
कर्तव्य समर्पित रहता हूँ ... read more
लम्हा तेरे यादों का
भूल कभी नही सकता हूँ,
सुबह सुबह जब आँख खुले
तेरे छवि को हीं मैं तकता हूँ।।-
क्यों तुम मेरे यादों में ,
एंजाइम की तरह आते हो।
बीते दिनों की बातों को,
उत्प्रेरित कर जाते हो।
मंद अभिक्रिया करने आते हो,
उत्पाद में टूटे दिल बनाते हो।
बार बार तुम आते हो,
उदासीकरण अभिक्रिया दर्शाते हो।
विस्थापन अभिक्रिया दिखाकर तुम,
क्यों वियोजित हो जाते हो।
काश। तुम एनोडीकरण कर पाते,
दिल पर मजबूत परत चढ़ा जाते।।
😉😉😉अभिषेक कौशिक😉😉😉
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कैसे पूरे करूँ सपने दबे झुंड का,
धुँआ हीं धुँआ बिछे हैं नस्लें बैर का।।
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मेरा क्या है मैं तो चिराग हूँ,
एक न एक दिन बुझ जाऊँगा।
बीते पलों की तरह हीं सही,
जग में छाप छोड़ जाऊँगा।।
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शिकायतें तुमसे क्या करूँ ए जिंदगी।
तुने जो दिया बहुतों के नसीब में नही।।-
दो वक्त की रोटी कमाता हूँ,
राज्य का प्रवासी कहलाता हूँ,
मेहनत और ईमानदारी दिखाता हूँ,
फिर भी व्यंग्य और तंज पाता हूँ,
और कब तक ठोकर खाता रहूँ,
घर छोड़ प्रदेश को जाता रहूँ ।।-
कब तक ?
दो वक्त की रोटी कमाता हूँ,
राज्य का प्रवासी कहलाता हूँ,
मेहनत और ईमानदारी दिखाता हूँ,
फिर भी व्यंग्य और तंज पाता हूँ,
कब तक ठोकर खाता रहूँ,
घर छोड़ प्रदेश को जाता रहूँ !!
अभिषेक कौशिक
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जब वो पास आती है,
आंखे बंद हो जाता है,
चारों ओर खुशबू महकता है,
बीते पलों में फर्क इतना है,
पहले डियो की खुशबू आती थी,
अब सैनिटाइजर महकता है।।
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