आप किसी बड़े कवि की बड़ी सी कविता से बड़ी कविता लिख कर बड़े कवि नहीं हो सकते।
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बड़ी सी दुनिया
छोटा सा कोना
फिर भी न भाये
किसी और का होना
नफरत ने हमें
इस कदर है घेरा
बिना बात के ही
हमने मुँह फेरा-
बड़ी जदोजहद के बाद आज मुलाकात
हो गयी 'कविता' से
व्याकुलता भरी तन्हाई के आलम में आखिरकार एक बड़ी हसीन रात हो गयी
सहमा सा बैठा था ये सोचकर कि किसी न किसी
दिन लौटकर आयेगी मेरी पहचान जो कभी मेरी
थी ही नही , आज खुद को में समझ पाया एक
नई पहचान के तोर पर जो मेरी खुद की है
पहली मुलाकात में ही वो पूरी तरह बदल कर रख दी मेरी काया
आज खुद की भावनाओं से मुलाकात हो गयी
कुछ वो मुझसे कहने लगी ,कुछ मैं उससे कहने
लगा , एक अनजाने अपने पहलू से मीठी कुछ बात हो गयी , तन्हा मेरी जिंदगी
में ख्वाबों की बरसात हो गयी ।
तन्हाई के आलम से बाहर आने लगा अकेलापन
अब तो वो मेरी हमसफर सी बन गयी
शब्दों का ना वो जाल है ना कोई मायाजाल
वो तो बस मेरे दिल का हाल है ।
रूप अनेक बनाती वो कभी गजल ,क़भी कविता
तो कभी शायरी कहलाती
बस ओढ़ चुनरियां खुशियों के वो मेरे दिल को
छू कर जाती
रात की गहराई हो या दिन का पहर
साथ मेरे वो रहती ,जैसे वो मेरी रूह हो
तन्हा मेरी जिंदगी में ख्वाबों रात हो गयी
बड़ी जदोजहद के बाद आज मुलाकात हो गयी
'कविता' से तन्हा जिंदगी में हसीन रात हो गई ।-
वो दर्द की रात बड़ी भारी थी
खाली था पेट और सर पर बारिश दोधारी थी
कहाँ जाता वो बचपन रेंग कर , उम्र से बड़ी उसकी जिम्मेदारी थी-
ज़िन्दगी बड़ी हो या छोटी यह और बात है।
अपनों का साथ हमेशा मिले यह बड़ी बात है।-
किसी से रिश्ता जोड़ना बड़ी बात नहीं
पर रिश्ते को निभा पाना बहुत बड़ी बात है-