QUOTES ON #बेख़ौफ़

#बेख़ौफ़ quotes

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22 MAR 2017 AT 7:41

अब रात को सोते नही
बस करवट बदलते हैं
और हर करवट में
यही ढूंढते है कि
एक तरफ माँ हो
एक तरफ पिताजी मिल जाएं
फिर करवट से थोड़ी देर
मुँह मोड़ के बेख़ौफ़
हमारे नैन भी नींद की
सुई से सिल जाएं।

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29 SEP 2018 AT 1:33


तुम्हारी शिकस्त का आगाज़ तो करूँगा
पर बेख़ौफ़ रहो अंजाम न मिलने दूँगा
मेरे गुनेहगार हो तुम तुमसे नफरत तो करूँगा
पर तेरी नादानी का किसी को सबूत न मिलने दूँगा

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चुपचाप गुज़र जाओ ईमान ये कहता है,
करता है जो भी नेकी ख़ामोश वो रहता है!

नफ़रत की नुमाइश में बेख़ौफ़ जो भी होगा,
हंसते हुए जहां के हर ज़ुल्म वो सहता है.!

स्वतंत्र इस जहां में बस एक ही है यारों,
इंसानियत के मज़हब का फूल वो महका है!

ठहरा नहीं कहीं भी कैसी भी हों बहारें,
उमड़ा हुआ ज्यों सागर बेख़ौफ़ हो बहता है!

सिद्धार्थ मिश्र

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हर आंधी में बेख़ौफ़ रहे,
प्यार का दीपक जलता रहे!

हों कितनी भी मुश्किल राहें,
अरमान हमेशा पलता रहे..!

स्वतंत्र नए रंगों में सदा,
ये साथ हमारा ढलता रहे..!

इतिहास चलो मिलकर लिख दें,
अपना अफ़साना चलता रहे..!

सिद्धार्थ मिश्र

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30 DEC 2018 AT 14:37

बेख़ौफ़ हूँ जमाने से मैं,
इश्क़ किया हैं मैंने भी...!

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28 OCT 2020 AT 13:01

आए बहुत रास्ते मे गिरने वाले मुझको ,
मैं उठा फिर सम्भला, सम्भल कर
फिर चल दिया राह अपनी ।
बेख़ौफ़ हो गया मैं पहले से ज्यादा
और खुद में विशवास भी जाग उठा ,
बस मैं हर बार खुद को मरने नही देता ..
अपनी सारी क्षमता फिर से लगा देता हूँ ..
चिराग़ बुझने से पहले हौंसलों का जगा देता हूँ ।
हा ! मैं बहुत कमजोर हूँ अपनी
उसी कमजोरी को ताकत बना देता हूँ ,
डूबने देता नही हूँ मै नाव अपनी
चप्पु हाथ मे इसकदर थाम लेता हूँ ।।
चलाता हूँ मैं फिर से शब्दों की कश्ती ..
उसे एक जाल में बाँध देता हूँ।।
कहीं बिखर ना जाए शब्द मेरे ..
उन्हें चरख़े में सूत की तरह कात देता हूँ ।।
बुनकर फिर से एक नई नज़्म,
मैं तुम तक पेश करता हूँ ..
पसंद आए तो दाद दे देना,
नही तो फिर से कोशिश करता हूँ ।।

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24 SEP 2019 AT 18:09

- जीतना ज़रूरी है क्योंकि :-

किस्मत के भरोसे नही रहती,
जो चाहिए उसे पाने की हर मुमकिन कोशिश करती हूं मैं ,

जितना ज़रूरी है क्योंकि
न तो ख़्वाब देखकर चुपचाप बैठती हूं और न
डर से डरती
हर सफर में बेख़ौफ़ लड़ती हूं मैं "

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24 AUG 2020 AT 0:25

मैनें माना बहुत बुरे है हम
तू कोई दूध का धुला है क्या
हमें तेरा ख़ौफ़ नही बेख़ौफ़ है हम
तू आदमी है कोई ख़ुदा है क्या॥

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18 OCT 2020 AT 17:55

कोशिश सब कर रहे,,
हमें गुमनाम करने की।
पर हम बेख़ौफ़ घूम रहे,,,
इन बदनाम महफ़िल में।।

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1 AUG 2020 AT 19:42

हम अपनी आरजू मे तडफते रहे
आहें भरते रहें करवटें बदलते रहे
कशमशा कर रह गया मैं पुरी रात
और आप बेधड़क बेख़ौफ़ सोते रहे ॥

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