तिरती रही नज़रें चढ़ता हुआ तुम्हें देखकर
सूरजमुखी कबतक रहूं मैं रातरानी हो गई!
प्रीति-
वक़्त⏱ बदला, जमाना 🌏बदल गया।
लोग 😒भी बदले, यहाँ तक कि हम😔 भी बदल गये।
पर कम्बखत कुछ एहसास कभी ना बदले।
आज भी , ना जाने कितने कल बदल गये।
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खुद को बदलने से परहेज़ करे....
आप जैसे भी है...
बहोत अच्छे है...
Accept करने का courage करे😂-
बदलते मौसम के साथ अब वो भी बदल रही है..
जो हमसफ़र थी कभी हमारी..
अब किसी और की हमसफ़र ता-उम्र के लिये हो रही है शायद ...
बदलते मौसम के साथ वो रिश्ते भी बदल रही है..
बदलते मौसम के साथ अब वो भी बदल रही है...।।-
बहुत हुई दवाई अब जी करता उठाये जाम
ये बदलता मौसम और इसमें सर्दी जुकाम-
वक्त और मौसम सदा
बदलते रहते है.....
लेकिन अच्छे रिश्ते और
सच्चे दोस्त कभी नहीं बदलते.....
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बदलते मौसम सा,
मेरा बदलना भी ज़रूरी हुआ,
कल तक जो अपना था,
वो गैर आज फरेबी हुआ।
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बदलते लोग, बदलते रिश्ते
और बदलता मौसम,
चाहे दिखाई दे या ना दे
मगर महसूस जरूर होता हैं-
Moहब्बT Ke पैमाने Me,
Ab हम Bhi नपने Lगे हैं...
यूं To एक पल Ka दीदार Hai उनका,
Pर हम, Kई घंटे, सजने-संवरने Lगे हैं...
ठंड Hai, घूस Jaता हूं, रजाई Me सर कRके लेकिन,
लेकिN उNके लिए Aब, Rजाई में Bhi हम जGने Lगे हैं...-