Ritesh Raikwar   (Ritesh Raikwar( एक याद ))
16.3k Followers 0 Following

read more
Joined 19 July 2018


read more
Joined 19 July 2018
30 JAN AT 19:09

उसको ये भी तो बता सकता था में..
तेरा ही नाम देके उसको पास बिठा सकता था में..

मेने कहीं नादानी में लिखी थी एक किताब..
तू होती तो तेरा भी जिक्र ला सकता था में..

किसी के साथ गुजार लाई मैने ज़िंदगी..
मेरा भी पहला ही इश्क था उसको ये बता सकता था में..

कहीं नहीं कहीं मैने अपनी शायरी में ये बात..
की तेरे धोखे को भी सबको बता सकता था मै..।।

-


20 JAN 2023 AT 13:52

तू जिस तरह से आयी है शायद उस तरह से भी कोई आयेगा..
तू मुझसे शादी करे शायद ऐसा भी दिन कोई आएगा..

तू दिन भर मसरूफ रहता है ऑफिस के कामों में..
में भी सोचता हूँ तू वक़्त निकलेगा और मेरे पास आएगा..

तू हर बार मेरी हर बात को ना ना ही कर देता है..
इस तरह से तो तू बहुत जल्दी इश्क़ में पछतायेगा..

तू भी यहीं किसी और का होगा ये मैंने सोचा नहीं था..
की इतनी जल्दी तेरी ज़िन्दगी में मेरी जगह कोई और आएगा..!!

-


13 NOV 2022 AT 12:51

बूढ़ा उठ चूका है चारपाई से..
चुक गया है सारा क़र्ज़ तुम्हारा इस भरपाई से..

कोई लौट कर क्यों नहीं आता है तुम्हारे पास..
दिल उकता जाता है सबका तुम्हारी बेवफाई से..

परिंदे एक उम्र जब तुम्हारी कैद मेँ रहते है..
उनको भी फिर डर लगता है रिहाई से..

रीतेश तुम चाहते हो सबको अपना दोस्त बनाना..
तुम भी किसी दिन मर जाओगे इसी तन्हाई से..!!

#last quote
Goodbye yourquote my old friend..!!
I always remember you..
You always remaining in my heart❤..!!

-


2 OCT 2022 AT 12:12

my punishment becomes my pleasure..
your bite marks is my true treasure..

your orders define your power..
your heels makes my desire..

you are my pray..
you are my goddess of fire..!!

-


29 SEP 2022 AT 11:03

मेँ खुद के साथ अकेला था..
मुझे समझने वाला भी मेँ अकेला था..

तुम आये और तुमने मुझसे मोहोब्बत क़ी..
तुम्हारे जाने के बाद मेँ अकेला था..

किसी के साथ मेँ गुज़रता रहा ज़िन्दगी..
जब मेँ बीमार हुआ तो अकेला था..

सब घर आये और मेरे लिये रोते रहे..
मेँ मेरी लाश के पास भी अकेला था..!!

-


26 SEP 2022 AT 11:27

लिखते लिखते परेशां हो गया था मेँ..
एक ही किरदार मेँ कैद सा हो गया था मेँ..

वो उड़ गयी थी छोड़ कर मुझे जिस पिंजरे मेँ..
उसी पिंजरे का तलबगार हो गया था मेँ..

वो बताने वाली थी सबको हमारे बारे मेँ..
इसी बात से उसकी हैरान हो गया था मेँ..

और उसने कसम दी थी मुझे खुद का ख्याल रखने क़ी..
एक कसम तोड़ कर गुनहगार हो गया था मेँ..!!

-


24 SEP 2022 AT 15:14

your poison draining in my veins..
my soul becomes a Cage ..

long lost suffering in to my face
my pain is gift to your feet..

your obeying is my true feast
i am only belongs to your feet..

please mistress give me your treat..!!

-


23 SEP 2022 AT 14:27

मेँ उठा एक रोज़ बीमारी से..
बदल गये थे रिश्ते मेरी बीमारी से..

यकीन दिलाता आ रहा था मेँ बरसों मेँ जिसको..
मर गया था मेरा इश्क़ उसी बीमारी से..

देखने तक नहीं आया वो शख्स मुझे..
पलंग पर याद कर रहा था जब में उसी बीमारी से..

मुदत्तों बाद जब उसने मेरा चेहरा देखा..
मर भी गया होता ये शख्स उसी बीमारी से..!!

-


28 MAR 2021 AT 9:24

#happy holi..

ग़ुलाल से भरी रही मुट्ठी मेरी..
हो गयी तू किसी क़ी, और याद तेरी..

मेँ सफेद कुर्ता पहन के बैठा रहा तेरी गली मेँ ..
तूने आँसू से गीली कर दी ग़ुलाल मेरी..

इस बरस भी हमने तेरे इंतजार किया..
फिर इंतजार ने पोछ दी ग़ुलाल तेरी..

इस बरस मेँ बरसों बाद घर लौटा..
फिर किसी और के हिस्से अ गयी ग़ुलाल तेरी..!!

-


5 NOV 2021 AT 15:22

दोपहर तक बचाये रखा मैंने..
सडक के किनारे दीयों को सजाये रखा मैंने..

बिक रहे थे सुन्दर दीये रौशनी..
अपने मिट्टी के दीयों को बोरी पर बिछाये रखा मैंने..

चमकती लाइटें सुन्दर रंगोली..
इनके बीच अपनी छोटी सी दुकान को लगाये रखा मैंने..

शाम तक खुद को ढाढ़स दी..
सब बिक जायेंगे दीये इसी उम्मीद मेँ मन को लगाये रखा मैंने..

इस दिवाली भी सब बचाये रखा मैंने..!!

-


Fetching Ritesh Raikwar Quotes