मुझसे मेरे होने की पहचान नहीं ले सकते हो, जब तक रब ना चाहे मेरी जान नहीं ले सकते हो,, मेरी सांसो में जलती बारू दें तो भर सकते हो, लेकिन तुम मुझसे मेरा ईमान नहीं ले सकते हो!!
कैसे खिलते हैं लहलहाते फूल उदासियों के मौसम में, ये पूछो तो सही शायद एक जवाब तुम्हारे घर के भीतर से भी आये, फिलिस्तीनी हवा क्या पता तुम्हारे घर की खिड़कियों के आर पार भी जाती हो....