14!7!2023!
कुछ तारीख़ सिर्फ तारीख़ नहीं होते हैं
इसमें कई गहरे राज़ छिपे होते हैं,
जो एहसास और सुकून से भरे होते हैं।
कभी-कभी अल्लाह पाक बारिशों के मौसम में बहुत कुछ से नवाज़ देते हैं तो कभी लीप ईयर भी लाइफ बन कर ज़िंदगी भर केलिए हाथों को थाम लेते हैं।-
कभी किसी को मुकम्मल... read more
ख़ुदा की हर नेमत पे हूं मैं शुक्रगुज़ार,
क़ुरआन की दुल्हन है 'सूरा अल-रहमान' बेशुमार।
जो बार–बार सुनाए रब की अज़मत की दास्तान,
"फ़बी अय्यि आलाअि रब्बिकुमा तुकज़्ज़िबान?"-
साँसों की सरगम कम है, आहों की गूंज ज़्यादा है
दयार-ए-इश्क़ में सुकून कम और दर्द ज़्यादा है
मोहब्बत निगल जाती है शौक़ सारे के सारे
भाती नहीं अब दुनिया की रंगीनियां और बहारें
जो भी बना दिल-ए-सुकून, बचा न कोई सहारा
ढलती हुई शाम लाती है कफ़न सा इक नज़ारा
बस जाए जो दिल की बस्ती में फिर निकलते कहां हैं
मुरझा गए जो फूल, वो दोबारा खिलते कहां हैं
महफ़िल में दिल की हालत कह नहीं पाते हैं हम
राहत बस मिलती है शेरों की इस बज़्म में कहीं-
कुछ न बोलकर भी
बहुत कुछ कहती हैं आँखें
वो दर्द कहती हैं
जो बयां नहीं होते
वो ख़्वाब समेट लेती हैं
जिसकी ताबीर नहीं होती
वो अश्क़ छिपा लेती है
जो इंसान को रुसवा कर देते हैं
वो नज़रें नज़र–अंदाज़ करती हैं
जो मतलबी तो होती है लेकिन दिखाई नहीं देती
ये सच है कि आँखें कुछ बोलती नहीं
लेकिन पूरी ज़िंदगी बयां करती हैं-
हमेशा एक औरत ही नहीं
मर्द भी खूबसूरत होते हैं
नींद से भरी आवाज़ के साथ
बिखरी हुई बालों के साथ
लंबी पलकों और गहरी आंखों के साथ
जब वो परवाह करते हैं,तो
एक मर्द भी बेहद ख़ूबसूरत होते हैं-