माता रामो मत्पिता रामचन्द्र:।
स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्र :।।
सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं।
जाने नैव जाने न जाने।।..🚩✍🏼🐦-
है सजा अयोध्या धाम पुनः
भावुक सारा साम्राज्य है
दुनिया करबद्ध अचंभित है
सर्वत्र राम ही राम हैं-
🌹कोप भवन बनवा दीजिए🌹
प्राण प्रतिष्ठा तो कर चुके, अब एक काम करवा दीजिए,
कुत्सित कुंठित के लिए, अब कोप भवन बनवा दीजिए।
नाच रहा हर भारतवासी, पर कुछ मुंह फुलाए ऐसे हैं,
देखने में तो गाय ही लगते, किन्तु लगे दिमाग से भैंसें हैं।
उन लोगों के लिए अलग एक, तबेला भी बनवा दीजिए,
कुत्सित कुंठित के लिए, अब कोप भवन बनवा दीजिए।
देशप्रेमियों से देश भरा पड़ा, कुछ मुट्ठी भर देशद्रोही हैं,
कैसे कहें देशभक्त हम, जिनकी मानसिकता विद्रोही हैं।
इनको मंदिर के गर्भगृह में, आप जिंदा ही चुनवा दीजिए,
कुत्सित कुंठित के लिए, अब कोप भवन बनवा दीजिए।
प्राण प्रतिष्ठा तो कर चुके, अब एक काम करवा दीजिए,
कुत्सित कुंठित के लिए, अब कोप भवन बनवा दीजिए।-
काव्य प्रकार : शंकरपाळी काव्य
शिर्षक : उत्सव श्रीरामांचा
ही
झाली
तयारी
उत्सवाची,
प्रभु रामाच्या
प्राण प्रतिष्ठेची,
नेत्र दीपक
सोहळ्याची,
मोहक
दृश्य
ते.-