तूने हमें समझा दिया
सच्चे प्रेम को छोड़ धनवान को अपना लिया-
18 JUN 2021 AT 21:49
19 JUN 2021 AT 8:22
देश की प्रगति तभी संभव है जब समाज के लोग अपनी ओछी मानसिकता को छोड़ कर प्रगति की राह पर चलेंगे
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18 JUN 2021 AT 22:21
पत्थर की तरह बनोगे
कोई भी तोड़ कर चला जाएगा
बनना है तो पानी की तरह बनो
पत्थर भी पानी में बह जाएगा-
3 JUL 2020 AT 9:05
ख्वाबों की कश्ती को बेहने दो,
नये उन्माद मन में भरने दो,
अवसाद को अवकाश दे,
प्रगति के पथ पर बढ़ने दो!!
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