QUOTES ON #प्यारमेंकभीकभी

#प्यारमेंकभीकभी quotes

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26 AUG 2020 AT 10:03

प्यार में कभी-कभी

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26 AUG 2020 AT 10:35

हम इतने अंधे हो जाते है ना
कि हम अपने माँ-बाप के
प्यार को भी झुठा समझने लगते
जबकि उनका दिया हुआ प्यार
किसी जननत से कम नहीं होता..
और तुमहारा किया हुआ प्यार
किसी दो पल केमेहमान से
कम नहीं.. होता

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26 AUG 2020 AT 10:17

प्यार में कभी कभी लड़ाईयां भी होती है,
कभी कभी रूठना मनाना भी होता है,
पर ये प्यार करना कभी कम नहीं होता है,
और फिर भी अगर वो छोड़ कर चला भी जाए,
तो भी इंतज़ार हमेशा उसी का रहता है।।

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26 AUG 2020 AT 15:09

हर मुश्किलों से गुजरना
पड़ता है...
ज़रूरत पड़े तो झुकना भी
पड़ता है...
माना ये राह आसान नहीं...
मगर याद रख कुछ भी
नामुमकिन नहीं...
चाहत जो तेरी सच्ची होगी...
आसान हर मंज़िल होगी...
किस्मत का लेख
बदल जायेगा...
खुदा तेरी मदद को
खुद आएगा...


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26 AUG 2020 AT 12:46

राह आसान नहीं
होती कुशल ग्रहणी का
खिताब पाने की ......
खोकर अपनी नींद ,चैन
भूख ,प्यास सबको सुख से
सुलाना पड़ता है.....l

प्यार में परिवार के
कभी-कभी भूलाकर
अपने दुखों ,दर्द.......
ख्वाहिशों ,चाहतों को
हर रिश्ते को मुस्कुराकर
निभाना पड़ता है......l

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26 AUG 2020 AT 14:23

देख मौसम का ये खुशनुमा नजारा,
चाहत की कालियाँ तुझसे ही हुई है,
जवाँ अभी अभी ।
दिल नही लगता प्यार में कभी कभी।
जिधर भी देखती हूँ तू ही तू नजर आए।
बिन तेरे एक पल भी लगे जैसे सजा हो कोई।
priti Mehra

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26 AUG 2020 AT 14:30

प्यार में कभी कभी ऐसा सबक मिल जाता हैं
इंसान क्या इंसानियत से भी भरोसा उठ जाता हैं ।

प्यार में सौदा देख रुह भी सहम जाती हैं
दिल क्या इंसान भी पत्थर का हो जाता हैं ।

प्यार में धोखा पाकर जिंदगी को सबक मिल जाता हैं ।

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26 AUG 2020 AT 23:11



शतरंज, शायरी और उसके
प्यार में कभी-कभी,
जन्नत का मज़ा मिलता है
हार में कभी-कभी।

नवाज़िश-ए-ख़ुदा है या
मुक़द्दर है मेहरबाँ,
जो वो आते हैं मेरे
दयार में कभी-कभी।

उन ओस लबों की
हिद्दत पे क्या कहें,
ऐसी तपिश तो नहीं मिलती
शरार में कभी-कभी।

-Rishi

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26 AUG 2020 AT 18:47

प्यार में कभी-कभी साथ बीतते है
मीठे पल,तो कभी कड़वे पल,

कभी नौक जौक होती है तो
कभी रूठना मनाना होता है,

लेकिन समय आने पर,
जो लोग एक दूसरे के
दिल की दवा बनते है,
उनका साथ जिंदगी भर रहता है।

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26 AUG 2020 AT 17:44

मयस्सर नहीं दीदार-ए-यार बढ़ रही हैं बेचैनियाँ,
अहद-ए-शब-ए-फ़िराक़ में जान ले रही हैं तन्हाइयाँ।

आया नहीं पयाम-ए-महबूब दिल के पते पर,
हाल-ए-दिल किसे सुनाऊँ, चुभ रही हैं ख़ामोशियाँ।

होती है प्यार में कभी-कभी ये तशवीश-ए-सनम,
इंतज़ार-ए-यार में दिल-ओ-जाँ तड़पा रही हैं शहनाइयाँ।

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