लिख दिया है हमने सब कुछ YQ पर
कभी वक़्त मिले तो दिल से पढ़ लेना
हमारे सारे लफ़्ज़ों में तुम्हारा ज़िक्र है
कभी वक़्त मिले तो दिल से पढ़ लेना
YQ भी जानता हैं हमारे लफ़्ज़ों का दर्द
कभी वक़्त मिले तो दिल से पढ़ लेना
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शायरी की हर लफ़्ज़ में, तक़दीर लिखी है हमारी,
गर पढ़ सको इन जज्बातों को, हर जन्म में, मैं हुई तुम्हारी।-
मेरी तहरीर के मअनी, तेरी समझ से परे हैं
तू तो बस इतना समझ ले, की तूने लिखा क्या है-
अब तो वो हमारी ख़ामोशी भी पढ़ लेते हैं,
जब हम उनसे कोई दगा करने निकलते हैं!!-
सुना है 😐
तुम अब पढ़े 📓लिखे समझदार बन गए हो 😌
कभी मौका✍️ मिले तो ☺️
वो भी पढ़📓 लेना जो हम कह ✖️नहीं पाते हैं 😌😓-
मैं तो दर्द लिख कर मुस्कुरा रहा था,
लोग पढ़ कर, खुद के दर्द में खो गए।-
अभी ऐसी कंडीशन है कि,
अगर कोई बोल दे कि बकरी की लेड़ी उबाल कर के खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है ,तो वो भी मार्केट से गायब हो जायेगी
😌😌😐😐😝😝🤣🤣🤣🤣🤣🤣-
याद
पढ़ कर मुझको कुछ याद आया तो होगा...
शब्दों में खुद को कहीं पाया तो होगा...
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किसी के छूने से इश्क़ हो जाना,
लबों से बयां ना हो, आंखों में पढ़ जाना....।।
_ रेणुका जाट-
कुछ नही है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में💐
कभी कभी मेरी खामोशियां ही पढ़ लिया करो।-