देश भर में कड़ाके की सर्दी का प्रकोप
लोग शाहरुख़ ख़ान के पोस्टर जलाकर सांप्रदायिकता
की आग में अपने हाथ सेंक रहे हैं-
गुरूर क्योंकर न हो उट्ठे तुझको अपनी दिलबरी पे,,
ऐ आसमां!!तू मोहब्बत जो ठहरे इक पठान की...
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इन्सान के जिस्म का सबसे खूबसूरत हिस्सा दिल है
और अगर वो ही साफ ना हो तो चमकता चेहरा
किसी काम का नही-
दूरिया तो पहले ही आ चुकी थी जमाने मे, साहब,
कोरोना ने आकर इल्ज़ाम अपने सर ले लिया...-
चंद काग़ज की तस्वीरों के जल जाये से,,,,,
पठान की बादशाहत को बट्टा लगा नहीं करता सरकार!!
आज़माइये के कुछ नई तदबीरें अब आप,,
तमाशा ये जलने जलाने का है अब पुराना हो चला||
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रंग बिरंगी दुनियां को, बदरंगीं करके छोड़ेंगे।
नफरत वाले लड़ लड़ कर, हर एक आंख को फोडे़ंगे।-
माफ़ कीजिए बदजुबान हूं इत्तेफाक से, क्या करू पठान हूं इत्तेफाक से....
सोचता था कितनी मोहब्बत करता है वो,मेरा भी क्या हसीन वहम था इत्तेफाक से....
वो मिला तो लगा था ज़िदंगी मिल गई, जागा तो मालूम चला ख्वाब था इत्तेफाक से....
चलिए छोड़िए खत्म करते हैं किस्सा, भूल जाएंगे तुझे, यह भी झूट है इत्तेफाक से....
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तलवार की खनक पे जो बेदार होते थे,
हम उन्हीं की नस्ल है जो जंगो में मरते थे।
हक अपना हो तो फिर डर के मांगना क्यों,
हम लड़ के ज़िन्दगी को कफ़न बांधते थे।-
जो लोग भी,
आज गणतंत्र दिवस 2023 को मनाने की ख़ुशी में
#पठान मूवी देखने सिनेमाघर गए थे
आप मेरे और भारत भूमि के शत्रु हैं
इसीलिए आज के बाद मुझसे दूर ही रहें तो बेहतर होगा
यदि आप मेरे मित्र रहे हैं, तो आज से सब ख़त्म
राम-राम-
फिर मिले क्या एक लंबी छुट्टी के बाद
सुना है शहर में दिवाली है
कही दूर जहां कोई ना हो-