जिसका अर्थ होता है - घोंसला, nest
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ज़ौक़-ए-नशेमन के कीमत इक पंछी ही जाने
खुला आसमाँ ऊपर, नीचे होते लाख फ़साने
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उजाड़ कर मेरे नशेमन को,अगर मिलती है खुशी तुम्हे,
चलो फिर मैं भी इस शुभ काम मे तेरी मदद करता हूँ ,-
गर तु आज किसी का नशेमन को उजाड़ोगे
तो खुदा इक दिन तेरा भी आशियाना उजाड़ फेंकेगे।।-
चाँद-तारों से उजाले का हसीं फ़न ना मिलेगा,
सुब्ह सूरज में तुझे ऐ शब नशेमन ना मिलेगा।
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मुझे मुर्दा ही सही, मुतमईन होने दो
जीस्त-ए-जख्म से ही ज़रीन होने दो
मेरा कब्ल-ए-करम तेरी वफ़ा का भरम था
मुझे उस भरम में ही आफरीन होने दो
तुम सुलझे हो जितना जितना मैं उलझा हूँ
उलझन को मेरी तुमसा ही हसीन होने दो
बेतरकीब मुहब्बत थी,था बेअदब इश्क़-ए-फलसफा
ये कहते हो तो करार करो और मुझे शालीन होने दो
ये रगड़ रही है जुदाई तुम्हारी लम्हा-लम्हा बेहिसाब
जाओ अब मुझे तुम्हारे इस बर्ताव से बेहतरीन होने दो-
// नशेमन=घोंसला //
नशेमन पे मेरी, गिरा कर बिजलियां
पूछते हैं,जख्म हुआ है कहां-कहां!-
तिनका तिनका जोड़, मशक्कत से बनाता हे नशेमन, एक छोटा सा परिंदा भी ...!
चाहे कोई पत्थर से तोड़ दे ,फिर भी रोज सजाता है नशेमन ,एक छोटा सा परिंदा भी ...!
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नशेमन पे मेरी,गिरा कर बिजलियां
पूछते हैं,जख्म है कहां- कहां !-
تھی راہ گزر ہی وہ ہم جس کو بسر سمجھے
شیشے کے نشیمن کو ہم اپنا جو گھر سمجھے
थी राह गुज़र ही वो हम जिसको बसर समझे
शीशें के नशेमन को हम अपना जो घर समझे-