सुकून की तलाश में, अपने भी बेगाने हो गए।
सब कुछ ठीक था, उनके मिलते ही, हम फिर से
दीवाने हो गए।।-
सुन छोरी
होंगे तेरे दीवाने बहुत
लेकिन मैं तो बस अपनी सुबह की चाय का दीवाना हूँ-
होश आये तो क्यों कर तेरे दीवाने को
एक जाता है तो दो आते हैं समझाने को-
आज उसने प्यार का इजहार इस कदर कर दिया
दीवानों की गम भरी महफ़िल में गदर कर दिया
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️-
शहर में जितने पुराने लोग हैं
जानते हैं हमें हम दीवाने लोग है
इन्हें क्या मालूम नए है शहर में
ये तो हमसे अनजाने लोग हैं-
एक अनजाने रास्ते पर
मिले मुझसे कई दीवाने रास्ते पर
मशवरा सबने अलग-अलग दी
क्यों निकल पड़ा इस बहाने रास्ते पर
वो छोड़ गई तुम्हें कोई और मिला होगा
वो मिलेगी नहीं तुम्हें वफा के रास्ते पर
दुनिया मतलबी है लोग मतलबी हैं
मतलब के लोग मिलेंगे रास्ते पर
बस चिकनी चुपड़ी बातों से दूर हो मित्र
वरना निकलना पड़ेगा तुम्हें इसी रास्ते पर-
ये मद भरी आंखे और नशीले लब
मार ही डालोगी क्या आज दीवाने सब
-©सचिन यादव-
शहर मदहोश है तेरे चेहरे पर पर्दा नहीं है..!!
चाँद खूबसूरत हैं बहुत पर तुझ सा नहीं है..!!
बढ़ती तादाद पर वक़्त ज़ाया ना कर जाना..!!
तेरे दीवाने हैं लाखों पर कोई मुझ सा नहीं है..!!-
एक बात कहूँ साहब! चाय के नहीं दूध के दीवाने हैं हम
और हाँ जहाँ मिलावट की बात आ जाए, रिश्ता ख़त्म-