जज : ( in the Court room ) order -order
-order
गुजराती कैदी : दो किलो गांठिया और एक किलो
जलेबी with सांभlर !!😎-
दिमाग में चल रहा नृत्य विचारों का
दिल भटक रहा यहाँ बंजारों सा-
बंद पड़े मकान की,
रुकी हुई हवा है वो ।
साँस घुटती है जहाँ
बताओ कैसे दवा है वो॥
हवा गतिमान है बाहर ,
समझो तूफान है बाहर I
खिड़की खोलो जरा ,
अनंत आसमान है बाहर l
अंधेरा ही अंधेरा है और ,
अंधेरे में गुमशुदा है वो I
जरा दरवाजे खोल तो ,
दवा है वो , नफा है वो !-
दिल के किवाड़ों के सहसा ही बंद होने पर,
दिमाग के बंद पड़े गड्ढ़ो के खुल जाने पर,
तुम्हारी मौजूदगी न होने पर,
ज़िन्दगी गुजारने का मन बना लिया था,
.
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ठहरा वो दिल धड़क उठा ..
औऱ जीवित मौत हँस पड़ी ।।-
मेरी खामोशियां
गुस्सा बहुत भरा पड़ा है दिमाग में , 😡
इश्क जो बेहिसाब करता हूं उससे । ♥️-
दिल और दिमाग की जंग में जीतता ,
कोई नहीं बस फासले बने रहते हैं ।-
मेरा सुकून कहीं खो गया है।
आजकल चाय से जो दूरियां बनाया है।।
वो कॉकटेल भी अब पीनी छोड़ दी हमने।
केवल कॉफी को जो मुंह से लगाया है।।
जब से चाय छोड़ी है।
अब सुकून भी मुंह मोड़ी है।।
हर रोज दिल दिमाग में बनी,
तनाव थोड़ी थोड़ी है।।-
दिल की बातो को ये दिमाग पढ़ना नहीं चाहता,
शयद इसीलिए ये ज़ुबा इज़हार करना नहीं चाहता,
दिल कहता है की मुझे तुझसे मोहब्बत है,
पर दिमाग तुझे दोस्त भी बताना नहीं चाहता...-