When i Saw A News in Newspaper.
"सास को भगा ले गया दामाद!"
Then My React : 👇👇👇👇😝-
दूर जंवाई फूल बरोबर ,
गाँव जंवाई आधो !
घर जंवाई गधे बरोबर ,
चाये जिंया लादो.....
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✍🏻आज दिन उनके है,कल हमारे भी आएंगे,
हुई थी कितनी तकलीफ उनके लिहाजे से,
उनको वक़्त आने पर बताएंगे।
आज तो मेरी माँ की आंखों में आँशु थे वो भी उनकी वजह से,
कल को वो जरूर इस बात पर अफसोस जताएंगे।-
बेटा
दामाद घर आए और ज़रा सा काम में हाथ बटा दे
तो वो लाखो मे एक हो जाता है।
बेटा बहु का हाथ बटा दे
तो वो जोरू का गुलाम बन जाता है।-
ग्यारह लाख कैश
पाँच का सामान
तीन की एंगेजमेंट्
दो का खाना
और बाकी का खर्चा
एक तरफ़...
पच्चीस लाख का खरीदा
वो पच्चीस साल का दामाद
एक बेटी के पिता ने..!!
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एक दिन जरूर समझ आएगा सभी सामाजिक पिताओं को,
अपने लिए दामाद खरीदे जा सकते हैं लेकिन बेटी के लिए पति नहीं..!-
दामाद अच्छा है ,क्योंकि बेटी उसके साथ खुश है...
बेटा बुरा है,क्योंकि बहू को खुश रखता है!
ये कैसी सोच है!!!-
घर में लड़के बेरोजगार बैठे हैं
और दामाद सरकारी नौकरी वाला चाहिए
हाय रे मेरी मोहब्बत 🤣🤣❣️💞🤣🤣-
कुछ लोग अपने बच्चों को संस्कारों तले
इतना दबा देते हैं..कि..
बेटियाँ दामादों की दासी बन जाती हैं
और..बेटे बहुओं के चरनदास ..
तो स्यापा किस बात का है..
स्यापा इस बात का है कि..
बहिन अपने भाईयों को नालायक समझती हैं
और भाई अपनी बहिनों को नालायक समझते हैं-