हाँ , कोई मिला नही है अबतक
न ही ढूंढने की इच्छा है!
फिर भी , ग़र हूँ मैं तम्हारे अंदर कहीं ...
झिझकना मत ,चले आना !
ग़र खो जाऊँ मैं अपने ही ख्वाबों में...
तुम उन ख्वाबों में आ सको ,तो आ जाना!
मुझे रोता हुआ देख,गले लगाकर
मेरे साथ घंटों रो सको, तो आ जाना!
मेरा मुस्कूराता चेहरा नहीं , बस मेरी उदास आँखे
दिख रही हो तुम्हे ! तो चले आना...
पूरी दुनिया से नहीं ,बस मुझसे कह सको..
"मै तुम्हारा हूँ और हमेशा रहूँगा"तो बेशक़ आ जाना!
मेरी नाराज़गी में भी ,प्यार ढूंढ सको..
अपनी मिठी सी मुस्कान से भी मुझे मना सको तो चले आना ...
और हाँ मुझसे प्यार हो...तो झिझकना नही
चले आना!!!
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