दिलजलों की वाहवाही है
कहानी उनकी है
हमारी तो बस स्याही है-
ज़िन्दगी की इस भूलभूलैया में
मैं ही खो गया था कहीं..,
"ख़ुदा" ने तो मेरी तक़दीर का नक्शा
मेरे हाथ में पहले ही बना दिया था...,
लकीरें सब सही थी...
बस यह जो बीच बाली टेढ़ी सी रेखा थी ना
इसपे मुड़ने की बजाय मैं सीधा ही निकल गया,
जबतक बापस मुड़ता..नीचे से आती एक रेखा ने
उसे काट दिया था, जिसे मैंने पहले अनदेखा कर दिया था..,
बस .., एक बार जो रास्ता भटका,
...तो ताउम्र इन रेखाओं के जाल में ही उलझा रहा..,
वक़्त क्या..... हाथ से छुटा, के फिऱ दोबारा पकड़ ही नहीं पाया,
काश..., ज़िन्दगी के दो रास्ते होते,
जहाँ से चले थे वहाँ लौटकर वापस भी आ पाते...!-
_तक़दीर_
वफा-ए-तक़दीर भी
मौज़ूद है दोस्त...
शीद्दत-ए-कोशिश का वज़ूद
तलाशकर तो देख...-
खुद भी कुछ करिये
खुद मेहनत करोगे तो
भाग्य भी साथ देगा
अगर यूँ हाथ पे हाथ रख
भाग्य के सहारे बैठे रहोगे
तो खुदा भी साथ नही देगा
भाग्य भी उनका साथ देता है
जिनके हौसले बुलंद हो
हर मुसीबत को पार करने का जुनून हो
हार को जीत में बदलने का जोश हो
फिर तक़दीर भी सर झुकाती है
तुम्हारी कामयाबी के आगे
इसलिए भाग्य के सहारे मत रहिये
खुद भी कुछ करिये ।।।-
ये जो हाथों में लकीरें है ना
तक़दीर की,
मेरी इनसें क़भी नहीं बनती ... !!
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_दोस्ती_
कोशिशे हज़ारो की है..
तक़दीर ने बिखेरने की...
कमबख्त ये दोस्ती....
मुझे टूँटने भी नही देती.....
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तोहमत क्या
लगाऊँ किसी और पर मैं ,
शायद आँसू ही
थी तकदीर में हमारी |-
Takdeer me hamari na jaane
kya likha hai😐
Yaar mila hai gaddaar hame,
aur pyaar nikla bewafa hai..😒-