अमावस की अंधियारी में,
दिया और बाती के मिलन से
बिखरती है रोशनी..
घरों में सजाई रंगोली में,
उमंग के भरे सारे रंगो से
मिलती मन को चांदनी..
दीपावली की शुभकामनाएं..🙏-
मास श्रावण, भक्ति "महादेव" की,
गले में विराजे प्रिय "नाग देव" जी,
भक्त है लीन सब भक्ति में उनकी,
नागपंचमी के शुभ अवसर पर,
"नाग देव" मनोकामनाएं पूरी करें सबकी।
!!नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!!-
तू कैसी सज़ा है नौकरी
त्यौहार कौनसा रोज़ आते हैं
माँ हर बात पर घर आने को कहती है
ओर सुन ये बुलावे मुझे रोज़ आते हैं-
होली के त्यौहार ने ये
सीख जरुरी सिखलाई .......
बिखर कर भी निखर जाते हैं रंग ,
बात ये बखूबी बतलाई ।।।।-
लौट आती है तारीखें, लौट आते है हर त्यौहार...!
लेकिन वो दिन कभी लौट के नहीं आते...!
जिसमें (बचपन) मिलता था अपनों का प्यार...!-
देख दुर्गा की प्रतिमा, हाथ दुःशासन के रुक गये
नरभक्षी दानव के चक्षु, स्वतः लज्जा से झुक गये
अधर्म पर एक बार फिर से हुई धर्म की जीत
प्रतिमा पूजन की इसीलिये चली आ रही रीत
महिषासुर हो या रावण हो, होता है संहार
प्रतीकात्मक रूप में चाहे, पावन हर त्योहार-
हर घर में दिवाली हो,
हर घर में दिया जले,
जब तक रहे ये दुनिया
तब तक संसार चले,
दुख,दर्द,उदासी से,
हर दिल महरूम रहे,
पग-पग उजियालों में
जीवन की ज्योति जले।
YQ परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ
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आस्मां की तरह दिल मे भी
नेकदिली का महताब चमकने दो
बेजुबान का गला काट कर नहीं
गले लगाकर सबको त्यौहार मनाने दो
पटाखे थोडे कम फोड़कर चौराहों पर
हवाएं जरा साफ रहने दो
खिलखिलाती,नफ़रतें मिटाती मुस्कानों से
फिज़ाओं मे भाईचारा महकने दो
रात भर बेवजह जगमग करती
"लाइटिंग" के जुगनुओं को जरा आराम करने दो
घरों में हो या जिंदगी में हो
छाया अंधेरा मिटाने की कोशिश होने दो
लालची जुबां की हजारों हसरतें
जरा अधूरी रहने दो
निवाले को तरसते पेट की
भूख आज प्यार से मिटने दो
प्रभु और खुदा का बंटवारा करना
अब बस भी कर दो
भगवान को मानने के साथ
भगवान की भी हमें मानने दो
अपनी अमीरी का झूठा दिखावा
अब जरा कम कर दो
किसी गरीब को चंद खुशियां देकर
दिल की सच्ची अमीरी दिखा दो-