उस वक़्त का क्या हिसाब दूँ मैं,
जो गुजरा था तेरे बिना..!!-
वो खुशियों का वास्ता कुछ इस तरह से दे गए
दो पल की खुशियों में लेकर एक वादा तन्हा कर गए,
कह गए वो मुझसे की शब्द खामोश से क्यों दिखते है
कैसे बताए उनसे कि बस उनसे मिलने की चाहत कर गए..-
बेहद गुस्सा होती है और सनक भी जाया करती है
वो पगली लड़ते-लड़ते मुझमें, सिमट भी जाया करती है-
तुम कहो तो तुम्हारे लिए चाँद तारे तोड़ लाऊँ
गर पूछोगी तुम लाओगे कैसे, मांग लूँगा तुम्हारे पापा से रॉकेट के पैसे!!
तुम कहो तो तुम्हारे लिए बिन बादल बरसात करवा दूँ
गर पूछोगी कैसे होगा यह मुमकिन, नल खुला छोड़ भीग लेंगे सारा दिन!!
तुम कहो तो तुम्हारे लिए ddlj का राज बन जाऊं
बड़े बड़े देशों में छोटी छोटी बातें कर तुमको रिझाऊँ!!
तुम कहो तो तुम्हारे लिए अच्छे अच्छे पकवान बनाऊँ
फिर अपने पास बिठा तुमको अपने हाथों से खिलाऊँ!!
तुम कहो तो तुम्हारे लिए ढेर सारे गाने गाऊँ
फटी बांस सी आवाज़ से तुम्हारा सर पकाऊँ!!
कुछ तो कहो क्या करूँ मैं तुम्हारे लिए सनम
जिससे हमेशा के लिए मेरी बन सको हम कदम!!
तुम न भी कहो तो साथ न छोड़ सकूँ मै कभी
आवारा था ही आशिक बन बैठा, कहते हैं सभी!!-
तुम रूठे रूठे लागते हो
कोई तरकीब तो बताओ मनाने की
मैं रख दूंगी ज़िन्दगी भी गिरवी
बस तुम कीमत तो बताओ मुस्कुराने की-
प्रेम में पानी हो जाना
प्रेम में पत्थर हो जाने से
कहीं ज़्यादा बेहतर है..
-पूनम सोनछात्रा-
ये तो उसका पहला पहला इश्क था, उसे कहां समझ थी कि वो अपनी तन्हाई की महज़ दवाई ढूढ रही थी
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मैं गिरा मैं उठा
मैं संभल गया "तुम्हारे लिए"
मैं बिखरा मैं सिमटा
मैं बदल गया "तुम्हारे लिए"
फिर भी जाने कमी कहाँ रही
मैं मुकम्मल ना हुआ "तुम्हारे लिए"-
तुम्हारी यादों की सुनहरी छाया में ही खोये रहना चाहती हूँ मैं, कुछ इस तुम्हारे बिन तुममें ही खुद को समायें रहना चाहती हूँ मैं ।।
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