बेजान सी लगती है अब ये हवाएं
जो तेरा स्पर्श ना हो इसमे,
रूखी सी लगती है अब ये फ़िज़ाये
जो तेरा साथ ना हो इसमे,
तलब यही है कि तू फिर से साथ हो
और फिर प्यार के कुछ हालात बने,
प्यार की गहराईयो में कुछ दूर चले जाएं
और फिर इक नई पहचान बने,
अब तक तो सपने ही देख रहा था मैं
तुम हकीकत में आओ तो कुछ बात बने।।
-