बिखरे बाल, लम्बी दाढ़ी और नसेड़ी नैन है।
कबीरसिंह नहीं बेटे! ये महादेव की देन है।।
दुख नहीं कोई जीवन में बस ये सावन का मास है।
दुखी हमे कोई कैसे करे जब हम शिव के दास है।।-
-Finding myself.....
Born on 18 june 1998
बिखरे बाल, लम्बी दाढ़ी और नसेड़ी नैन है।
कबीरसिंह नहीं बेटे! ये महादेव की देन है।।
दुख नहीं कोई जीवन में बस ये सावन का मास है।
दुखी हमे कोई कैसे करे जब हम शिव के दास है।।-
तु समन्दर का राहिल
मैं समन्दर का साहिल
हमारे रिश्ते में बस तु इस काबिल
दुर चला जा या कर ले मुझे हासिल-
अगर कोई पसंद नही
तो उसे बता दिया करो
यूँ नज़रअंदाज़ करने से
बस गलतफहमीया बढ़ती है-
रंगबेरंगी
पर काफी हसीन थे वो
पर अब कुछ वक्त से
नये रंग उभरने लगे है-
तेरी हर गहराई को इस कदर छुना है की
तेरी हर आहट में मुझे मेरा नाम सुनना है-
महेरबान! हमारी चुप्पी की यही सज़ा सुनाई जाए
क्यूं न आज लबों से ही महोब्बत जताई जाए-
सुर, संगीत, सांझ, शराब
सब कुछ ही तो सजा दिया है
तुम आओ तो सही मेरी जान
इसबार खिडकियों पे पर्दा भी लगा दिया है-