जिंदगी की ख़ामोशी को कैसे दबाउ
तेरी कमी को किसे बताऊं
लम्हो में सब यादे जिन्दा हो जाये
बस एक बर जो तुझसे मिलना हो जाये-
तेरी ईशारों में झिझक
तेरी उल्फ़त-ए-बयाँ मुबहम
तेरी सिफ़तें कभी समझूँ
तो तुझसे बात करुँ...
मौज मौज तलातुम पर
तू हिसार-ए-जात में डूबा
तेरी इत्तिफ़ाक़ से उभरूँ
तो तुझसे बात करुँ...-
जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुंए पर तमाशा कैसा और राख पर बहस केसी"।-
अगर तुझसे दूर होकर ही जीना होता तो
तेरी होठो पे मेरा नाम ना होता
ना तू खोई रहती मेरे ख्यालो में
ना ही तेरे नैनो में मेरा पैगाम होता
गुलजार ना होती ख्वाबो की महफ़िल
तुझसे जूड़ा मेरा हर एहसास ना होता
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तुझसे मिल के तुझसे दूर जाना अच्छा नहीं लगता
तेरे होते हुए किसी और को चाहना अच्छा नहीं लगता I-
तुझसे बात करना अच्छा लगता हैं..!
लेकिन
तुझे तकलीफ़ हो ये अच्छा नहीं लगता..!!
💞💞 Unknown person 💞💞-
घुमें थे जिन गलियों में तेरे संग
उनमे फिर से रंग भर देंगे हम,
अब तु ना हुयी तो क्या हुवा
तुझसे भी बढीया ढूंढ लेंगे हम।-