QUOTES ON #तीर्थंकर

#तीर्थंकर quotes

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25 APR 2021 AT 14:48

सत्य, अहिंसा जीवन हमारा,
नवकार है शान हमारा।

‘महावीर’ ने हमें सिखाया;
'तीर्थंकर' बन पार लगाया।

क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार,
आसक्ति, घृणा शत्रु हमारा;

भीतर बैठे शत्रु को पहचानो,
अरिहंत की बोली को मानो।

सिद्धों के सार को जानो,
सेवा को हथियार मानो।

अहिंसा, तप करते जाओ
प्रेम-साधन को अपनाओ।

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6 APR 2020 AT 8:15

सत्य,अहिंसा, परोपकार धर्म हमारा
नवकार हमारी शान है
महावीर जैसा नायक पाया
जैन हमारी पहचान है।

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10 APR AT 14:20

भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर उन्होंने दुनिया को सत्य,अहिंसा का पाठ पढ़ाया। तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया।उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है– अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) ,ब्रह्मचर्य। उन्होंने अनेकांतवाद, स्यादवाद और अपरिग्रह जैसे अद्भुत महाव्रती सिद्धान्त दिए। महावीर के सर्वोदयी तीर्थों में क्षेत्र, काल, समय या जाति की सीमाएँ नहीं थीं। भगवान महावीर का आत्म धर्म जगत की प्रत्येक आत्मा के लिए समान था। दुनिया की सभी आत्मा एक-सी हैं इसलिए हम दूसरों के प्रति वही विचार एवं व्यवहार रखें जो हमें स्वयं को पसन्द हो। यही महावीर का 'जियो और जीने दो' का सिद्धान्त है।

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16 AUG 2020 AT 15:44

चौंबीसवें तीर्थंकर का सम्बन्ध प्राचीन कलिंग से रहा। हरिवंश पुराण में उल्लेख मिलता है कि तीर्थंकर महावीर ने कलिंग में विहार किया था। कहा भी है—मौक.......। मध्यदेशानिभान् मान्यान् कलिङ्गकुरु जाङ्गलान्, धर्मेणायोजमद वीरो विहरान् विभवान्वित: यथैव भगवत् पूर्व वृषभो भव्यवत्सल:।।

हरिभद्र ने आवश्यक सूत्र की वृत्ति में उल्लेख किया है कि जिन दीक्षा ग्रहण करने के ग्यारहवें वर्ष में अपना उपदेश देने के लिये महावीर कलिंग आये थे। तोसली (वर्तमान में दया नदी के किनारे स्थित धौली) में धर्मोपदेश देते हुए मोसलि में विहार किया था। कहा भी है: ‘ततो भगयवं तोसिंल गओ.......तत्थ सुमागहो गाम रट्टओ पिययत्तो भगवयो सो मोएइ ततो साणि मोसिंल गओ’।

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7 MAR 2021 AT 17:02

तीर्थंकर है वही जो
स्व जीवन पार उतार सके!!
कमजोर को ताकतवर कर सके।

व्यर्थ मृत्यु है जीवन युद्ध से पलायन
विजेता है वही जो जीवन युद्ध लड़ सके।
मृत्यु श्रेयस्कर कर सके।

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30 DEC 2021 AT 9:43

अज्ञान-अन्धकार-आडम्बर के नाश हेतु प्रकट देव,
जागृत क्रांतिकारी युगपुरुष भगवान पार्श्वनाथ जी।

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25 APR 2021 AT 10:50

त्याग-संयम, प्रेम-करुणा, शील-सदाचार का ज्ञान,
सत्य-अहिंसा परमो धर्मः, तपोमय जीवन का ज्ञान,
क्षमा वीरस्य भूषणम, जियो और जीनो दो का ज्ञान,
व्रत-चरित्र, सद्भाव-अस्तेय, ब्रह्मचर्य-अपरिग्रह ज्ञान,
अपनाओं भगवान महावीर स्वामी का यह महाज्ञान।

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2 MAY AT 8:42

राम मिले कृष्ण मिले
भारत की भूमि से
मर्यादा और प्रेम का
संदेश दिया विश्व को

गौतम तीर्थंकर मिले
भारत की भूमि से
बदले में क्या दिया
विश्व ने इस देश को

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14 APR 2022 AT 10:39

जीवन जीने का गूढ़ ज्ञान, सत्य-अहिंसा, क्षमादान,
मानवता की तपोभूमि में, अपनाओ महावीर ज्ञान।

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26 OCT 2019 AT 11:47

प्रथम शताब्दी के प्राकृत आगम कसायपाहुड की जयधवला टीका ( 8 शती) का एक महत्वपूर्ण सन्दर्भ:-

*कत्तियमास किण्ह पक्ख चौदस दिवस केवलणाणेण सह एत्थ गमिय परिणिव्वुओ वड्ढमाणो|*
*अमावसीए परिणिव्वाण पूजा सयल देविहिं कया*

अर्थात् कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भगवान् वर्धमान निर्वाण गये और अमावस्या को समस्त देवों ने निर्वाण पूजा की ।

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