धीरे-धीरे घुटनुओं के बल चहकती
हुई वो चलना सीख रही थी....
एक बड़े जूते की परछाईं देख वो
ठिठक गई .....
नन्हें हाथों से उसे वो पीटने लगी,
फिर मुड़कर माँ के पास चली गई
वो एक मासूम थी,
ये उसका क्रियाकलाप होगा
पर मेरे दिल-ओ-दिमाग में
अंतर्द्वन्द चल रहा था....
दिल मुस्कुरा रहा था तो दिमाग
शब्दों का जाल बुन रहा था..
पर इतना समझ आ गया था कि!
बड़े जूते का डर नन्हे मस्तिष्क में
घर कर गया था
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बड़ा अच्छा लगता है हमें ये साथ तुम्हारा
डर है कही छोड़ तो ना दोगे साथ हमारा-
इस बारिश की बूंदों से डर लगने लगा है
दिल के दरवाजे बंद करलो तुम
ये कैसा उफान है इस दिल में जो नजर आ रहा है
जो तूफान दिल के अंदर है
वही तूफान दिल के बाहर भी है
मेरे इस पागल दिल में जैसे कोई कसक उठ रही है
कोई तो आग है जैसे जो कही ना कही जल रही है
इस दिल्लगी की आग से बहुत डर लग रहा है हमें
कुछ इधर हो रहा है तो कुछ हो रहा है उधर
इस बरसात से गजब का डर लग रहा है
इन आवारा घटाओ से कह दो जाना तुम
हमे ना सताये कही और जाकर बरस जाना तुम-
मौत से डर नही लगता साहब,
रिश्तें निभाने से डर लगता है
नफरत से भरी इस दुनिया में,
दोस्ती का हाथ बढ़ाने से डर लगता है
जहां दिल तोड़ दिए जाते है हमेशा,
वहा प्यार का इज़हार करने से डर लगता है
जिसे पता ही नही है वादें क्या होते है,
उनसे वादा करने से डर लगता है
जहां पे झुठ का सहारा लेते है लोग,
वहां पर सच बोलने से डर लगता है
जो रास्ता बुराई के पास ले जाता है,
ऐसे रास्ते पर चलने से डर लगता है
जिस घर में अपने ही अपनों के दुश्मन है,
ऐसे घर में रहने से डर लगता है।।-
खुद से कर रही मैं गुफ़्तगु तेरे चहत मे।
पागल जैसे साबित हो रही हूँ,तेरे चाहत मे।
बेवजह मचल रही है सांसें,तेरे ही चाहत मे।
हवाओं को बाहों मे ले रही हूँ,तेरे चाहत मे ।
इतना काफी नही है क्या ,जीने को तेरे चाहत मे ।
जो फासलों से नाराज़ हो जाऊं,तेरे चाहत मे ।
अब इंतज़ार मीठी लगती है,तेरे चाहत मे ।
होगा मिलन यही आस है पाला,तेरे चाहत मे ।
सोच लो,मुलाकात होगी तो क्या होगा,तेरे चाहत मे।
अभी तो बस जुदाई है,और क्या होगा तेरे चाहत मे ।
कर लो सितम,मोहब्बत कम नही होगी,तेरे चाहत मे ।
बह जाउंगी इस आंसूओं की समन्दर से,तेरे चाहत मे।
राहें बदली मंज़िलों का,हम नही बदलेंगे तेरे चाहत मे।
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हम दोनों इतना डरते हैं
एक दूसरे के सामने दिखावा करने से कि
कभी पूछते तक नहीं कि
"कैसे हैं आप"!-
अब तो डर लगता है
खुद अजनबी रह कर
किसी ओर पर विश्वास
करना आज कल
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-- -- -- काव्यांजलि -- -- --
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डरना नहीं है....!!!!
लेकिन "मुझे कुछ नहीं होगा"....
इस गलतफहमी में मरना भी नहीं है...!!-
Tere bahon mein so jana.
वो लम्हा बना दो मुझे…
जो गुजर कर भी… तुम्हारे साथ रहे…!!
वह इरादा बना दो मुझे...
जो तेरे तन्हाइयों से होकर, मेरे दर्द का अहसास रहे.!!
होकर तुमसे शिकायतें मुझ से होकर जाए...
हर लम्हा हर गुजरा हुआ यादें, तुझ से होकर जाए..!!
मायूस हो भी चेहरा तेरे निगाहों का...
जो गुजर जाए, जिंदगी तुझ में समाहित हो कर..!!
इतनी सी तमन्ना है, इस दिल की...
तुझे हर पल याद करे, हर पल महसूस करे..!!
अच्छा लगता है, हर रात तेरे ख्यालों में खो जाना...
जैसे दूर हो कर भी, तेरे बाहों में सो जाना..!!
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