यूँ ही नहीं रोज़ सितारे फ़ना होते हैं,
कहीं कोई दिल हर रोज़ टूटता होगा !-
दिल हर रोज टूटता है किसी का, तमाशा हर रोज़ होता है,
अश्क भी हर रोज किसी रुख़ पर, यूंँ ही नहीं बिखरा करते !-
टूट जायेंगे उनके लिये सितारे बनकर
लूट लिया दिल जिन्होंने हमारे बनकर
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अब किसी पर ऐतबार नहीं होता
मेरे दिल से प्यार नहीं होता
टूटा है दिल इतनी बार
डर रहता है फिर से टूट जाने का...-
# टूटता तारा #
सुना है कि टूटते तारे से जो माँगोगे
वो मुराद पूरी हो जाती है
जो खुद टूटा हो
उससे कैसी माँग?
वो तो सहानुभूति ही पा सकता है-
कई बार इंसान बल से नही टूटता है
कई बार वो जितना किसी के शब्दो से टूटता है ।।-
अब किसी पर ऐतबार नहीं होता
मेरे दिल से प्यार नहीं होता
टूटा है दिल इतनी बार
डर रहता है फिर से टूट जाने का...-
फ़कत उसी को क्यों अपने आसुओं का दोषी मानती हो
गलतियां जो तुमसे हुई इश्क़ में क्या उन्हें पहचानती हो?
कहती हो कि मुस्कुराहट छीन ली उसने तुम्हारे होठों से
नींद,सुकून जो उसका गया क्या उस दर्द को जानती हो?
तुमने सोच रखा है तुम्हें छोड़कर चैन से सोता होगा वो
जो नींद से पहले होती है क्या उस तड़प को जानती हो?
अगर अभी नही हुआ है तुम्हें अपने गुनाहों का एहसास
तो मुझको लगता है शायद तुम मोहब्बत नही जानती हो?-
Or tute Dil ka doobara Kisi pr aitbaar
krna zra mushkil hota hai..-