QUOTES ON #ज्योति

#ज्योति quotes

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6 SEP 2020 AT 22:10

झाड़ू छोड़ आज इन हाथों ने फिर क़लम है थामी
अब चाहे ये जमाना मुझे बदनाम करे या नामी,

लिखने चली हूँ मैं आज एक कविता
चाहती हूँ जो बहे रक्त में बनकर सरिता,

प्रतिद्वंदी चाहे कर दे कविता राख
पन्नों में लगाकर आग,

बुझती ज्वाला में
जो बचेगी एक लौ,

कहलाएगी वो "ज्योति", कर जाएगी वो कविता रौशन
मिल जाएगा फिर काव्य को एक नया मोती,

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6 APR 2020 AT 0:18

ज्योति थी
तो जलना तो था ही,

मोम की जो बनी थी
तो पिघलना तो था ही,

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20 JUL 2020 AT 23:10

तुम्हारे प्रेम कि ज्योति मेरे
हृदय में हमेशा जलती रहेगी।
युगों-युगों तक ऐसे ही रहेगी
जैसे दीया और बाती।

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12 OCT 2020 AT 23:18

बिन नीर,नदी हो जैसे,
बिन राग,गीत हो जैसे,
बिन ख़्वाब,नींद हो जैसे,
बिन दीप,'ज्योति' हो जैसे,

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7 NOV 2018 AT 11:04

तुम हो तो तम नहीं
तुम्हें दीप कहूँ या ज्योति?
ढूँढू तुम्हें गहराइयों में
तुम्हें सीप कहूँ या मोती?

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17 OCT 2020 AT 13:03

मैं नदी थी.....
तू अम्बर था..... ,
तेरे प्रेम तपकर,
वाष्प बन
काले बादलों के रूप में,
तेरे समीप
आ पहुँची मैं !
पर देख न पायी,
तेरा प्रेम चाँद के लिये,
गिरी आकर बूंदें बन,
बंजर धरती पर मैं !
हुआ जब
माटी और नीर का मिलन,
फूटा फिर इक नया अंकुर,
जलने लगी फिर,
प्रेम की "ज्योति"

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12 APR 2024 AT 10:57

सौंदर्य की करो तलाश, मन की सुंदरता जरूरी है।
ये तन आज है कल ढल जाएगा, "मन" ज़रूरी है।
सब कहते हैं "मन की सुंदरता" को देखना चाहिए।
जब समय आता है तो कहते लड़की सुंदर चाहिए।

पहले पहल जब दिखता है रूप यौवन अच्छा लागे।
मन को छोड़कर ये बावड़ा जीव तन के पीछे भागे।
मन साफ रखो साथी "अच्छा जीवनसाथी" मिलेगा।
जो चाहिए तुझे दिल साफ़ होने पर पक्का मिलेगा।

सबकी अपनी अपनी सोच है सबका अपना दायरा।
कोई नहीं है किसी का यहां मतलब है सबको प्यारा।
हर मोड़ पर मिलता है एक साथ एक नया रहगुजर।
पता नहीं कब कौन कब साथ छोड़ दें, जाएं बिछड़।

ख्वाहिशों का क्या है, इनका मन कभी भरता नहीं।
जो अच्छा लगता हैं वो पसंद करें, सही करता नहीं।
सबने जो भी किया है उनका कोई न कोई हिसाब है।
ये जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरे कृत्यों की किताब है।

सीख मिल रही है जब भी तो ले ले रे बंदेया आज तू।
दिल की बातें दिल में ही रख अपने को बता राज़ तू।
हुआ है जो भी किसी अच्छे के लिए हुआ है "अभि।
तूझे जो भी चाहिए देख मिल जाएगा कभी न कभी।

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20 APR 2020 AT 12:49

तुम्हारी आरजू में खुद को मिटा डाला
ज्योति से खुद को नीर बना डाला

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रात में मै ज्योति जल ही रही थी ,
कि उन्होने अपने चेहरे के नूर से ,
मेरे दिल को जगमगा दिया ,
उन्होने मुझे अपने करीब जो बिठा लिया ।

♥😄♥

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24 JUN 2021 AT 12:51

आज मशवरा देते फ़िरते हैं वो हमें,
जो कभी दुआओं से मेरी आबाद हुआ करते थे।।

अब वो ज़हन में भी आते नहीं,
जो कभी धड़कनों को छुआ करते थे।।

आज नज़र भर देखते नहीं वो "ज्योति",
जो कभी देख देख कर बलाएँ लिया करते थे।।

नमक छिड़क कर निकल लेते हैं अब वो,
जो कभी हर ज़ख्म सिया करते थे।।

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