उनकी तो साजिश थी
बिखैर कर जुल्फे कत्ल करने की
दिल ने बेखौफ़ जीने की वजह ढूंड ली-
जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं,
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं ।-
बहुत बिगड़ गई है ए बिखरी जुल्फे तुम्हारी।
ए वो हर हिस्सा चूम रही है जो मेरी ख्वाइश है।।-
उलझन में है मेरी कंघी आज,
जुल्फ़े ज्यादा उलझी हुई है,
या जिन्दगी।-
वो करे भी तो क्या....
खुला छोड़ दे तो...
खाने में आ कर गिरते रहती है...😁😁😁-
वो चेहरे पर उलझी हुई जुल्फे, और वो आँखों में काजल,
लगता हैं आज मेरे क़त्ल की तैयारी से आये है वो...!-
होंठो से तेरी आँखों का काजल चूरा लूँ,
हाथो से तेरी उलझे हुए जुल्फे सुलझा दूँ!!-
ज्ञान नही मुझे
नृत्य व नृत्यकारो का ,
पंरतु जब तुम
मेरी जुल्फों को सहराते हो
तुम्हारी उंगलियो की सहराहट
प्रतीत होती है
जैसे कोई थिरकन
नृत्यकार कर नये
नृत्य चरण का निर्माण
कर रहा हो मानो
प्रयास।-
सुनो ना, यूँ अपनी जुल्फों को बांध कर मत रखा 😒 करो पता है क्यू 🤔
तुम्हारा ये खूबसूरत चेहरा छुप जाता है 🙈-
ज़रा जुल्फे संभाल के रख
ए मुरशद! इन जुल्फों के आड़े
तेरा चहरा छिप जाता है....-