मेरे दिल में बस यही चाहत रहे
ख़ुदा मेरी माँ हमेशा सलामत रहे
माँ तू है तो यह घर गुलशन है
हम अक्स हैं तेरे तू हमारा दर्पण है
घर में मेरे कयामत तक जन्नत रहे
ख़ुदा मेरी माँ हमेशा सलामत रहे
जब भी कोई परेशानी पेशेतर आई
मुझ से पहले तेरी आंख भर आईं
उम्रभर तेरी मुझ पर यूँही इनायत रहे
ख़ुदा मेरी माँ हमेशा सलामत रहे
आज मेरी माँ की योमे पैदाइश है
ख़ुदा से मेरी यही ख्वाहिश है
मेरे दिल में माँ की यूँही मोहब्बत रहे
ख़ुदा मेरी माँ हमेशा सलामत रहे
तेरी कोख से पैदा किया हर बशर को
इंसान बाली नबी पीर और पैगम्बर को
हर दिल में तेरी ही उल्फ़त रहे
ख़ुदा मेरी माँ हमेशा सलामत रहे-
अंसारी साहब नाम है मेरा
तू दूर है मुझ से तुझे बुलाऊं कैसे
मैं भूलना चाहूँ भी तो तुझे भुलाऊं कैसे
दिल की आवाज सुन ज़िन्दगी से जाने वाले
एक दिल के सिवा तुझको बुलाऊँ कैसे
जब भी आती हैं याद एक सैलाब आता है
इस सैलाब को आँखों में छुपाऊँ कैसे
मेरी आँखों को पढ़ और इतना बता
तुझे दिल में बसा प्यार दिखाऊं कैसे
अब लौट भी आ रूठ कर जाने वाले
तू ही बता अब मैं तुझे मनाऊँ कैसे
तू है ज़िन्दगी मेरी तू ही जीने का सहारा
अपनी ही ज़िन्दगी से दूर जाऊँ कैसे
सांस, रूह, दिल ओ जान मैं तू ही बसा है
खुद को मैं खुद से ही मिटाऊं कैसे
बाकी नहीं बची कोई आरजू दिल की
किसी ग़ैर का ख़्याल दिल में लाऊं कैसे
अंसारी साहब-
कैसे मान लूं अब तुझे मुझ से प्यार नहीं
तेरी जागी जागी आँखों मे इंतेज़ार नहीं
चाहा है तुझे मैं तुझे ही चाहूँगा उम्रभर
तेरे सिवा इस दिल में किसी का प्यार नहीं
इतना आसान नही होता दिल से भुलाना
जो भूल जाए वो कोई प्यार नहीं
दू मुबारकबाद तुझे यौमे पैदाइश की
क्या अब मुझे इतना भी इख्तियार नही
बिकते नही हैं दिल अभी दौलत के हाथों
आज भी इश्क़ इश्क़ है कोई करोबार नहीं
लगता है तूने याद किया, जब घंटी बजती है
क्या तुझे मेरे फोन का अब इंतेज़ार नही
अंसारी साहब-
चाँद जैसा मुखड़ा
चाँदनी जैसा नूर
सादगी ऐसी मानो
जन्नत की कोई हूर
तेरी वो प्यारी सी मुस्कान
तेरा खिलखिलाकर यूं हंसना
अपनी उन प्यारी मीठी बातों से
जादू सा मुझ पर यूं करना
खुदा कहूँ या खुदा की इनायत तुम्हें
तुम्हारी चाहत पर करते है हम गुरुर
जन्मदिन की शुभकामनाओं संग
प्यार का तोहफ़ा कुबूल करिए हुजूर
खुशियों से भरा रहें जीवन तुम्हारा
गुलाब सी महकती रहो
कभी न आए जिंदगी में गम के बादल
कोयल सी चहकती रहो
अंसारी साहब-
मेरे दिल में मेरे ख्वाबों में
मेरे सपनों में मेरी आँखो में
एक तेरा ही नाम चलता है
मेरी हर इन साँसो में
तेरी जिस्म से नहीं
तेरी रूह से प्यार हैं हमें
तुझसे कही ज्यादा
तेरी तस्वीरों से प्यार हैं हमें-
दिल में रहती हैं वो
जिसे मैने देखा भी नही।
वो अनजानी...
जिससे मुझे बेपनाह मोहब्बत हैं।
कुछ बातें उसे बतानी है।
लेकिन कुछ कहने से पहले
लब थरथराते हैं...
जिसे मैने देखा भी नही...
वो अनजानी...
उसे मैं जानना चाहता हूँ।।
दिल की बात बताना चाहता हूँ।
लेकिन कुछ कहने से पहले
लब थरथराते हैं।
जिसे मैने देखा भी नही
वो अनजानी...
उससे मिलनें को दिल बेकरार हैं।
मिलकर मोहब्बत का इज़हार करना चाहता हूँ।
लेकिन कुछ कहने से पहले...
लब थरथराते है ।
वो अनजानी...
उसे दिल की बात कहने से
उसे खोने का डर सताता है ।
इसलिए अपने खुशियों को
जलाते रहता हूँ।
इसलिए कुछ कहने से पहले
लब थरथराते है..
वो अनजानी....।।।-