मैं काला कलंक तू मुझपे सफेद दाग सा
मैं बादल गलत तू आसमां पाक सा
मेरी कमियाँ हज़ार तू शिक्षक लाजवाब सा
जुदा जुदा से हम पर अलग हुए तो सब खाक सा-
मिला भी नहीं ,
जुदा भी नहीं ,
ये कैसा है सिलसिला,
जो थमा ही नहीं !-
बिन तेरे जिंदगी गुजार लेंगें हम,
तेरे जाने के बाद खुद को संभाल लेंगें है,
पर तेरे जाने का मलाल रहेगा,
ख़ैर जो भी हो,कमाल रहेगा।-
उनका ग़ैर बने रहना बेहतर हो शायद,
अपना होकर ज़ुदा हों तो मुश्किल होगी !-
जिस जिस ने मुहब्बत में अपने महबूब को खुदा कर दिया ,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया !-
तपिश इश्क़ की, फितूर कुछ जुदा सा लगता है,
रूह में जज़्ब तेरा खयाल क्यूंँ ख़ुदा सा लगता है !
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Tumhara khyal....,ajj bhi mujhey soney ni deta!
Tumhara hnsta chehra....Aaj bhi mujhey roney nhi detaa!!
Sochtaa hu mita du khud ki rooh ko mein abbb!!!
Prrrr teri rooh ka hona,
Mujhey khud se judaa,kbhi honey nhi deta!!!!-
जुदा होने से पहले
आ पास मेरे एक आखिरी मुलाकात कर ले
जो कुछ भी बचा है पास मेरे आ उसे भी तबाह कर दे-
मुझे तुमसे मोहब्बत है पता है क्या
अभी भी दिल किसी दिल पर फ़िदा है क्या
ज़रा सोचो तुम्हारे बिन कहाँ जाता
किसी दिल में तिरे जैसी वफ़ा है क्या
हिफ़ाज़त भी करूँगा मैं कहा तुमसे
बगावत से कोई अपना हुआ है क्या
अभी कह दो कहोगे जो जुदा होकर
जुदाई से बड़ी कोई सज़ा है क्या
मिलेंगे दिल हमारे भी मोहब्बत से
मगर दिल में तुम्हारे भी अना है क्या
वही 'आरिफ़' वही सब कुछ इशारों में
इशारा भी निगाहों से ख़फ़ा है क्या-