रोज दे जाती है जीने के बहाने,
कितने ये अनोखे,कितने सुहाने...
जिंदगी ये हुनर कहाँ से लाती है?
खुश होते ही अपना सबकुछ लुटाती है..
बिन अटके हमारे आसपास भटकती है,
तो भी कहाँ कभी ये हवा दिखती है ?
जो भी है दिल मे,बस बोल दो खुलकर,
यूँ घुटकर कब तक है जिंदगी बिताना?
चाहने की रीत उनकी है इतनी अनोखी,
दूर से देखकर बसअपने दिल को मनाना..
आँखों मे दिख जाए बस यहीं काफी है,
और क्या होते है सबूत वफ़ा के ?
बंध बाज़ी कब तक खेलते रहेंगे?
छोड़ हारने का डर और खोल ना पत्ते..
एक अमिट छाप वे दिल मे छोड़ जाएंगे,
आज आये है तो तय है कल वापस है जाना...-
मोहब्ब्त तो उनकी सच्ची थी
जिनके खून की खुशबू से आज भी
हमारे देश की मिट्टी महकती है-
नया कल चौखट पर हैं जा जी उसको एतबार तु कर
कब तक बिते कल में उलझेगा चल अब से नई शुरूआत तु कर-
सुर्खरु हो रही कूचे की धूप
अंदाजे से माप कर
बढ़ाती है अपने पांव
सर्द दीवारों की ओर.....
हसरत से ताकती हैं दीवारें
और समेट लेती हैं कतरे दर कतरे की
सुखन....
कड़कती सर्दियों का इत्मिनान
बखूब! परखा है मुद्दतों ।
प्रीति-
"मरना" तो सभी को हैं,
पर इस चलती हुई "जिंदगी" का
कोई "नाम" तो हो।-
" Life "
Life is just like a game of race .
In this race ,
Some people will across you .
Some people will behind you .
But difference
Is that
If you will stop this race ,
Then you will have finished .
So, start with positive approach
And run as much as
your strength .
Either you will win or learn ,
Let's begin that
With proper way ...
#कृष्णा-
अपनो को खोया, परायों का साथ पाया
जिंदगी की इस भवर में...
मुझे भी है थोड़े अपनो से गीला,
कदापि इस जग में रहा न कोई अपना..
अनेकों अंबक भविष्य पर डाले,
जिंदगी को कैसे सवारें..
प्रकृति एक रहस्म्यी कहानी,
मनुष्य की जिंदगी चंद दिनों तक जारी
पर मन की अपनी अनंत परिधि..!
सुख- दुःख अविरत फेरा,
कभी न यह वक्त ठहरा..
कल का तेरा वक़्त आज मेरा है,
कौन नहीं जानता आज अंधियारा तो कल सवेरा है..
सूर्य की सुनहरी किरणे
सत्यता की तरह समा बांधे,
अपने ही तन से आत्मा ओझल हुए..!!
-
ऊपरवाले तेरे से कोई शिकवा नहीं होता ,
अगर जिंदगी में एक बार
मजहब के झण्डों की जगह,
इंसानियत का झण्डा लहराता देख लेता।-