बस यूँही कुछ थोड़ी हिम्मत बढ़ा दे
ये अंधेरी रात भी बीत जाएगी, एक दीपक जला ले
कुछ ग़मों का सुना है यहाँ इलाज़ नही
तू थोड़ा बस मुस्कुरा कर इस ग़म को भुला दे..-
Hetal Vora
(Hetal Vora)
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कुछ शब्द और कुछ एहसास लिखता हूँ,
मैं ऐसेअपने दिल की यहाँ बात लिखता हूँ..
હું બહુ સીમિત છું ... read more
मैं ऐसेअपने दिल की यहाँ बात लिखता हूँ..
હું બહુ સીમિત છું ... read more
Joined 17 July 2018
20 OCT 2022 AT 17:29
18 OCT 2022 AT 7:54
ये दोस्ती का गणित भी अजब है,
दो में से एक गया तो..
कुछ भी बचता नहीं है..
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15 OCT 2022 AT 14:27
फिक्र करते हो
तो उसे बताना जरूर ..
क्योंकि अनकहे शब्द,
अक्सर अनसुने रह जाते है ...-
12 OCT 2022 AT 20:23
जिंदगी में थोड़ा सा ख़ुद के
लिए भी जी कर देखो..
थक गए तो कोई नही कहेगा,
कुछ देर आराम कर लो..-
8 OCT 2022 AT 11:36
चाँद की तरह बादलों में अभी छुपा नहीं हूँ,
साथ हूँ तुम्हारें,अभी परछाई बना नही हूँ..-
7 OCT 2022 AT 15:20
कोई बूढ़े चोकीदार जैसा है
ये सूरज...
शाम को डूबने से पहले शहर की
सारी बत्तियां जलाकर जाता है...-
7 OCT 2022 AT 14:31
मन की बात अब कहाँ किसी को
कही जाती है ...
खुशी और उदासी में अब सिर्फ स्टेटस
उपडेट की जाती है...-
6 OCT 2022 AT 16:37
बीत चुके समय को याद कर
उन्हें वापस लाने की छटपटाहट..
उसी का नाम ज़िंदगी...
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4 OCT 2022 AT 10:06
लिखा था राशी में आज खज़ाना मिलेगा...
गुजरे एक गली से,
तो कुछ पुराने दोस्त मिल गए...-