तेरे इश्क़ में डूबा हूं इस कदर
जलेबी डूबी हो चाशनी में जिस कदर
- ©सचिन यादव-
27 DEC 2018 AT 7:06
9 FEB 2018 AT 7:09
जिंदगी जलेबी सी घुमावदार होती है,
जरूरत है प्रेम की चाशनी की-
8 OCT 2017 AT 21:41
जिंदगी उलझ गयी जलेबी की तरह,
जब से प्रेम समोसे सा त्रिकोण हो गया है।
लोगों का क्या है,
वो तो चटनी के चटखारे लेंगे ...-
29 APR 2019 AT 13:44
जिस बख़त तुम बनारस थे
मेरा तुमसे न कोई नाता था
न मुझे तेरे जैसा ख्याल भाता था
और भूले बिसरे राही
सी भेंट की भी न कोई गुंजाइश,
न कोई शाद आयी।
आज तुमने
उस गली कद़म रखा फिर
तो
सच कहो? मेरी ही
क्या सच में मेरी ही याद आयी।।-
4 MAY 2017 AT 7:31
चख न लेना मेरे उलझे शब्दों की जलेबियाँ
मीठी चाशनी नहीं जिंदगी की कड़वाहट है भरी-
8 APR 2018 AT 10:10
जलेबी की तरह हो गए हैं लोग भी,
लगते बहुत मीठे है, पर है उतने ही घुमावदार।-