स्त्री ही क्यों ?????
क्यों, सीता की तरह अग्नि परीक्षा देनी पड़ती हैं
क्यों, राधा की तरह अपने प्रेम का त्याग करना पड़ता हैं
क्यों, द्रौपती की तरह भरी सभा में अपमानित किया जाता हैं
क्यों, देवकी की तरह बार-बार मातृत्व की हत्या की जाती हैं
क्यों, मीरा की तरह हमेशा धैर्य रखना होता हैं
क्यों, सत्ती की तरह बलिदान देना पड़ता हैं
क्यों, कुंती की तरह अपने संतान(कर्ण) का परित्याग करना पड़ता हैं
क्यों, अहिल्या की तरह बिना अपराध के दण्ड भुगतान पड़ता हैं
क्यों, हर वक़्त अपने अस्तित्व का प्रामाण देना पड़ता हैं
आखिर, स्त्री ही क्यों ??
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