इस ब्लाक के मुख्य प्रवेश-द्वार के सामने
हर मौसम आ कर ठिठक जाता है..
सैलाइन और रक्त की
बोतलों में क़ैद ज़िन्दगी !
रोग मुक्त, किन्तु बेहोश काया में
बूँद बूँद टपकती रहती है-इमर्जेन्सी !
@RENU
अररिया जिला की शान -फणीश्वरनाथ रेणु की आज जंयती
(साहित्यकार-पत्रकार रेणु ने’इमर्जेन्सी’ कविता जेल में ही लिखी)-
खुद रंग रहो खुश रंग रहो
सब साथ चलें तो संग रहो
वरना अपने में मग्न रहो
रह सको तो खुद मुख्तार रहो
अपने सपनों के संग बहो।
यह जीवन बहुत अमोल मिला,
इसको ना बेरंग करो,
खुद रंग रहो खुश रंग रहो।
(पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें)-
कैसी भी हो परीक्षा
पूरी करनी हो कोई इच्छा
बॉस की करनी हो समीक्षा
या अन्य कोई संत्रास हो,
सारा रायता सिमटाने को
मित्र जरूरी है।
जब मन में भ्रम कोई आए
मन अपने पर इतराए;
उड़ने की हसरत जागे
और खुशामद सच लागे,
तो टंगड़ी लगाकर फिर
धरती पर लाने को
मित्र जरूरी है।
(पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें)-
खुद में गुरु हो जाना
बहुत बड़ी बात है
अपने अंदर झांके
हर किसी के अंदर
गुरु का वास है
ज्ञान, स्नेह, दया, कृपा
गुरु की पहचान है
ऐसे ही परम ज्ञानी गुरु
गुरुनानक जयन्ती पर
सभी देशवासियों को
ह्रादिक शुभकामनाएं एवं
देव दीपावली की ढ़ेरों बधाईयां-
जब देखा नन्हीं - सी आँखों ने,
हत्याकांड जलियांवाला बाग का।
धधकी आग सीने में उसके,
छूटा ना कभी ऐसा अमिट छाप था।
जिसे इश्क था आजादी से,
जिसे न मोह था जिंदगानी से,
जिसका महबूब ही देश था,
जिसने प्रेम लिखा तो इंकलाब लिखा।
मरूंगा वतन के लिए,
शर्त मौत से लगाया था।
वो भगत सिंह थे जो,
आजादी के लिए मतवाला थे।
भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन 🙏🙏-
सबको तलाश है
छाया किसी हरे भरे
छतनार पेड़ की
जिसके नीचे बैठकर
कुछ पल आराम
आ जाए
जिंदगी के ताप में
थोड़ा विराम आ जाए।
#जयन्ती
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श्रीपरशुराम जयन्ती की
हार्दिक शुभकामनाएं
रामधारी सिंह दिनकर रचित
रश्मिरथी से परशुरामजी पर
कुछ पंक्तियां...
अनुशीर्षक में-