QUOTES ON #चुल्हा

#चुल्हा quotes

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21 NOV 2019 AT 19:11

दिल की अंगीठी में लकड़ी रुपी यादें तेरी आज भी दहक रही हैं...
सोचता हूँ....ख़ाक हो कभी तो फ़ना होगी,
कमबख़्त इसी इंतजार में मुद्दतों से पल-पल बस,हम ही तो राख़ हो रहे हैं!

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2 JUN 2020 AT 18:39

लसलसाती हुई देह से
चिपचिपाती हुई पसीने की बूंदें
सांझ के धुंधलके में यदि टपके
ये न सोचना कोई अन्नदाता
खेतों में काम करके आ रहे हैं
कोई गृहणी रोटी भी
सेंक रही होती है
अपने परिवार के लिए
पेट की क्षुधा शांत करने
के संचार के लिए

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16 SEP 2019 AT 20:18

दुनिया है साहब पैसेवाले के घर चुल्हे चलते है,
दुर कही उसकी आग में मुफलिसों के घर जलते है...

चंद्रशेखर आवटे

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21 APR 2019 AT 13:45

अर्ज किया है,
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लिख-लिख कर उसने मुझे किताब कर दिया-2

Caste different था हमारा,
मां के कहने पर उसने मुझे चूल्हे में जला दिया।

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10 JUN 2020 AT 12:41

घर से दूर सुदूर
तपस्यारत पुरुष
व्याकुलता वश
कभी-कभार
भूखे सो जाते हैं
जीविका की खोज में
पठन पाठन के ओज में
चूल्हा भी संभालते हैं
तीव्र आंच सहन नहीं होता
वो पुरुष जिनसे क्रोध वहन नहीं होता
शीशु समान प्रतीत होते हैं
पवित्र निष्कलुष सवित होते हैं

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20 JUL 2021 AT 14:56

दो लोग जो एक दुसरे बीन
सबसे ज्यादा अधुरे है
"भाविका" वो है
घर का चुल्हा और स्त्री...

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26 JUL 2017 AT 16:51

उसी ने कभी चुल्हा जलाया था
आज उसी ने घर जलाया है
जो लगाया था आग हमने
कभी उसके अरमानो में
उसने तो बस उसी को
जरा हवा दिखाया है

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19 JAN 2020 AT 12:07

इस कड़ाके की सर्दी में चुल्हा याद आता है

शहर में जब दम घुटे मुझे गांव याद आता है।

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5 JUL 2018 AT 23:49

गरीबी थी तो..
सब एक ही छत के नीचे थे!
अमीरी आई तो...
सबके चूल्हे ही बदल गए!!

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22 APR 2020 AT 19:49

कई औरते इतना तप चुकी होती है समाज के ताप में

कि फिर वो सेंक लेती है बिना चिमटे के चुल्हे पर रोटियाँ

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