एक प्रेमिका द्वारा अपने प्रेमी को लिखे खत ही खुबसूरत नही होते
ना ही किसी इकलौते बेटे के बहुत दिनो बाद माँ-बाप को मिले पत्र ही होते है सुन्दर!
ना ही महज वो ही पत्र होते है सुखदायी जिनमें स्नेह बाँटा गया हो अपनो के प्रति।!
इस दौर के सबसे मधुर , सुखदायी और जरूरी पत्र वो भी है जो मिलते है
सरकारी नौकरी की नियुक्ती को लेकर किसी नौजवान बेरोजगार को!!
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