चंद्रशेखर  
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1 JUN 2021 AT 20:19

प्रतिक्षाओं का अंत

जीवन की रेखा
जब कभी लोगों द्वारा
निर्धारित दिशा को
भूलकर,
दुनिया नाम के अंतरिक्ष में
अपना स्थान बनाने की
कोशिश करने लगे तो
हृदय की चिंता का कोई
महत्व नहीं बचता।
ना ही बचती है वो प्रतिक्षायें,
जो कभी जीवन के लिए
पर्याप्त होने का भास होता था।
ना ही बचते है वो क्षण जिनको
कभी दुर ना करने का
अट्टहास जीवन करता था।

चंद्रशेखर आवटे

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16 JAN 2021 AT 23:11

कई शिकवे है हमारे उस शख्स से,
यार तुम सिर्फ इश्क कहते हो...

चंद्रशेखर आवटे

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9 JAN 2021 AT 23:24

जीवन,
ना जाने कितनी
कुछ आशायें,
कुछ क्षण,
कुछ स्वप्न,
कुछ निराशा,
कुछ स्मृतियाँ लेकर चलता है,
ओर कभी-कभी हमें भी...

चंद्रशेखर आवटे

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20 DEC 2020 AT 22:17

क्यूँ करे हम नफ़रत इस दुनिया से अब,
इश्क़ तुम से था इस जमाने से नहीं

शज़र झुकता है अपना ही बोझ लेकर,
किसी के हवा चलाने से नहीं

चाहीए कोई हक में दुआ करनेवाला,
जिंदगी सिर्फ दौलत कमाने से नहीं

चंद्रशेखर आवटे

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7 DEC 2020 AT 21:31

जिंदगी की हरकतें अब पसंद नहीं आती,
हमको उसकी याद अब बहोत नहीं आती
सजी है काटों में फुल की तरह ये जिंदगी,
गुज़ारना चाहते हैं आसानी मगर गुजारी नहीं जाती

चंद्रशेखर आवटे

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28 OCT 2020 AT 22:49

मरम्मत ना हुई इस टुटे दिल की,
कुछ मलबों के निशान बाकी है

जमीन को निगल चुकी है दुनिया,
अब बस आसमान बाकी है

इक शख्स ने निभाई दोस्ती अजीब,
बस उसी का एक एहसान बाकी है

क्या अब भी जींदा है ए शहर,
मैंने जाना था की बस शमशान बाकी है

चंद्रशेखर आवटे

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24 AUG 2020 AT 22:14

मैं जीना चाहता हूँ,
कुछ अपरिचित क्षण,
जिनमें जीवन भरा हो,
जहाँ रहे सिर्फ मैं,
और मेरा मौन...

चंद्रशेखर आवटे

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23 AUG 2020 AT 17:17

करते रहे फैसले दिल से इसिलिए हार गये,
सोचते दिमाग से तो दुनिया हमारी थी

सोचने पे मजबूर थे जिस हालत में थे,
सच पूछो तो शख्सियत हमारी वही हारी थी

यादें याद करके दिल थक जाता था,
सच कहो तो यही आदत जिंदगी पे भारी थी

जरा रुके ,सोचकर देखा जरा, वही पर,
जहाँ भटक रहे थे खुशियाँ वही सारी थी

चंद्रशेखर आवटे


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22 AUG 2020 AT 23:15

जीवन में कभी
कुछ होना मिले तो,
किसी अकेले ध्रुव तारे
के लिए आकाश बन जाना...

चंद्रशेखर आवटे

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14 AUG 2020 AT 14:58

समय की सेज पर सजी,
कुछ गीतों को गुनगुनाया जाये,
क्या करे उदासी के किश्त लेकर,
हर दिन यूँही मुस्कुराया जाये...

चंद्रशेखर आवटे

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