घमण्डी लोगों के साथ मेरी नहीं बनती।
क्योंकि मैं भी घमण्डी हूँ।-
इंसान का घमण्ड जब हद से ज्यादा बढ़ जाता हैं,
तो चाह कर भी इंसान को गले नहीं लगा पता।।।-
"चलो, एक काम करते हैं,
उस बेवफ़ा के नाम आज की शाम करते हैं..!"
गर वो बेवफा न होती तो मुझे इतना प्यार कहाँ मिलता,
कैसे मिलती ये शेर-ओ-शायरी,
और खुद-सा सच्चा मुझे यार कहाँ मिलता..
ऐ बेवफा तू मेरी ज़िंदगी थी, ज़िंदगी बना गयी,
मुझे जीना नहीं आता था, हमें जीना सिखा गयी..
कैसे अदा करूँ मैं तेरा शुक्रिया,
मेरे हर लफ्ज़ में तो बस तू ही तू समा गयी..!-
Ghamandi Kahte Hain Log Aksar Mujhe
Unki Haan Main Haan Jo Nhin Milata-
अगर हर किसी को जवाब दो तो बिगड़ी हुई हूँ
और जो जवाब ना दूँ तो घमण्डी हूँ-
बात बात पे मुझसे 'बात ना' करने की धमकी देने वाले..
और Reply देने में थोड़ा लेट हो जाने पर मुझे घमण्डी बताने वाले..
'Manufacturing Defect' हैं या कोई 'Injection' छूट गया था बचपन में!
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लाइफ में दो लोगों से हमेशा दूर रहना
बिजी और घमण्डी
क्योंकि बिजी अपनी मर्जी से बात करेगा और घमण्डी अपने मतलब से याद करेगा-
ना कर इतना घमण्ड, इस बे-शुमार दौलत पर।
कौन जानता है, कि यह कल कहाँ होगी?
नहीं ठहरती है ये, किसी के पास ज़िंदगी भर,
आज ये तेरे पास है, तो कल यह मेरे पास होगी।-
घमंड और पेट जब किसी इंसान का बढ़ जाता है ना
तो वह चाहकर भी किसी से गले नहीं मिल पाता ।-
जो अच्छे होते है , झुक जाते हैं ।
जो घमण्ङी होते है , अङे रहते हैं ।-