समग्र संसार की आत्मा है
स्वयं आत्मा के स्वामी हैं
माता पार्वती के सिंदूर है
नंदी जिनकी सवारी है
भोला सा भंडारी है
त्रिशूल वाला शस्त्रधारी है
भस्म भभूती से सज्ज अघोरी है
रुद्राक्ष देह का आभूषण है
नाग लोक का रखवाला है
मनसा जिनकी पुत्री है
गणेश जिनका लाल है
ज्ञान जिनका जिवन है
वैराग्य जिनका ध्येय है
प्रेम उनका मुक्ति है
ध्यान उनकी भक्ति है
गोस्वामी जिनका पुजारी है
अलौकिक सी शक्ति है
देवो के भी देव है
महादेव जिनका नाम है
आज पावन सा शिव का दिन है
महापर्व शुभ शिवरात्रि है
शिववंशी गोस्वामी परीवार की तरफ़ से
आपको और आपके परिवार को शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
🚩🚩🚩🚩🚩🚩ॐ नमः शिवाय 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
ॐ जय गीरनारी ॐ
🚩 कृष्णारती🚩
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शिववंश (गोस्वामी) की ओर से हमारे प्यारे , न्यारे, दुलारे भैया के पावन पर्व गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं
🙏🙏🐀ऊं गणपते नमः 🐀 🙏🙏-
गोस्वामी तुलसीदास
'रामचरित मानस' है जिनका प्यारा ग्रंथ निराला।
भारत क्या सम्पूर्ण भुवन में बना सुमन की माला।।
'कवितावली','पार्वती मङ्गल', 'दोहावली' निराली।
'गीतावली ','कवित्त रामायण',' विनय पत्रिका'वाली।।
'रामलला नहछू ' ,'बरवै रामायण' ,'प्रश्न शलाका'।
'सांदीपनि' ,'जानकी मंगल' की नित उड़े पताका।।
श्रावण शुक्ल सप्तमी पन्द्रह सौ बत्तीस में आये।
सन सोलह सौ तेईस में काशी में सदगति पाए।।
राम भक्त कवि ने सिखलाई मर्यादा सर्वोत्तम।
जिसके पालक रामचंद्र थे मर्यादा पुरुषोत्तम।।
भक्ति काव्य भी धन्य हुआ है बाबा तुमको पाकर।
फिर से रामकथा कहिये इस पुण्यभूमि में आकर।।
जयंती के अवसर पर कोटिशः नमन-
गोस्वामी तुलसीदास की जयंती को धूमधाम से मनाना।
रामकथा की अमृतधारा से हर दिल को आभायुक्त बनाना।
भक्ति और प्रेम के रंगों से सज धज जाए हर मन का आंगन-
संत की शिक्षाओं से प्रेरित होकर के , सब मिलकर भजन गाना।
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llजब तें राम ब्याहि घर आए।
नित नव मंगल मोद बधाए॥
llभुवन चारिदस भूधर भारीl
सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी॥
llरिधि सिधि संपति नदीं सुहाईl
उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई॥
llमनिगन पुर नर नारि सुजातीl
सुचि अमोल सुंदर सब भाँतीll
रामचरितमानस - तुलसीदास-
!!मधुर एहसास!!
दादा जी की दुनिया में शायद "गोस्वामी " एक सम्मान था!
पिता की बनायी दुनिया में पाया ,"गोस्वामी "हमारा अभिमान था!
लेकिन, हमारी नयी पीढ़ी की दुनिया ने पाया "गोस्वामी " सिर्फ एक नाम है!
परन्तु, आज हमारी एक जुटता को महसूस कर पाया, "गोस्वामी " ही हमारी पहचान है; और यही हमारी वास्तविक नाम,अभिमान व सम्मान है!!
!!हर-हर महादेव!!-
शाम होते ही ये दिल उदास हो जाता है,
सपनों के सिवा ना कुछ पास होता है
आप को बहुत याद करते हैं हम
यादों का हर लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है।
शुभ संध्या _-
आपसे कभी हम खफा हो नहीं सकते,
वादा किया है तो बेवफा हो नहीं सकते,
आप भले ही हमें दिखाकर सो जाएं,
मगर हम आपको याद किए बिना सो नहीं सकते।
"शुभ रात्रि"
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