Kundan Khatri   (Enjoy Yourself)
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लेखक तो नही पर नया शौक़ हुआ है लिखने का,
जो गलतियां मिले तो विद्यार्थी समझ माफ़ करना।
Joined 5 July 2020


लेखक तो नही पर नया शौक़ हुआ है लिखने का,
जो गलतियां मिले तो विद्यार्थी समझ माफ़ करना।
Joined 5 July 2020
12 DEC 2020 AT 11:34

इन निगाहों ने उनका...
हर पल दीदार मांगा....
रात अमावस ने जैसे....
हर पल चांद मांगा..!!

ना जाने क्यूं रुठ...
गया रब हमसे....
जब हमने उनका.....
हर पल साथ मांगा..!!

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15 NOV 2020 AT 18:46

क्यु मोहब्बत ढूंढते हो इश्क की तहरीर में

फर्क़ होता है बहोत पायल और जंजीर में !

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12 NOV 2020 AT 13:51

"तुझे तू लिखूं या खुद से कोई इशारा कर लूं"
"आज जाम उठाऊँ या अश्को से गुजरा कर लूं"

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12 NOV 2020 AT 13:34

मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ
मुझे बचाना समंदर की ज़िम्मेदारी है !

कोई बताए ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को
वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है !

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत
ये एक चराग़ कई आँधियों पे भारी है !

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12 NOV 2020 AT 0:56

उनके होठों पे थी जुम्बिश थी लरज आंखों में
क्या ये इकरारे-मुहब्बत को नहीं काफ़ी था।

उनके अल्फ़ाज़ तो कुछ और कहे जाते थे
पर मेरा उनकी निगाहों पे यकीं काफ़ी था।

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1 NOV 2020 AT 23:43

ख्वाइश है कि शायर से फसादी हो जाऊ,
सुसाइड बेल्ट से ऐसे लिप्टु की जेहादी हो जाऊ।

तुमने जो भी बम पकड़ा दस गुना छोड़ आए है,
फसादी है लेकिन एक दुनिया छोड़ आए है।

कई आंखे अब भी ये शिकायत करती रहती है,
की दिल्ली में कुछ जिंदा लासे मैं छोड़ आया हु।

उंगलियां जिस्म से खिलवाड़ करना कैसे छोड़ेगी,
की कुछ काफिर घरो को बिन जलाए छोड़ आए है।

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31 OCT 2020 AT 5:30

इबादत तो की हमने पर अदावत ना हो सकी,
देख तेरी मासूमीयत खिलाफत ना हो सकी।

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30 OCT 2020 AT 3:03

और क्या इन हौसलों की उम्मीद शायराना होगी ?

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4 OCT 2020 AT 12:55

अज़ीब सी कश्मकश है,
जो आंखों पर छाई है।

अज़ीब सी कश्मकश है,
जो आंखों पर छाई है।।

तेरे इश्क़ का ज़ुनून इस क़दर छाया है,
जीते-जी ख़ुद का फ़ातिहा पढ़ आया हूँ।।।

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28 SEP 2020 AT 6:51

उतना नुकसान नहीं किया है,
उन “विदेशी तलवारों” ने;

जितना नुकसान किया है,
इन हिंद के “गद्दारों” ने...

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