बाज़ी प्यार की किसी ने जीती तो किसी ने हारी,
जैसे तैसे कर के जिंदगी हमने तो गुज़ार ली !
कहेंगे लोग दीवानगी इसे हम जैसे आशिको की,
दुगनी ख़ुशी से हमने कशी अपनी मझधार में उतार ली !
निकल पड़े इस सफ़र पे तो पीछे मुड़के क्या देखना,
रुक गये तो ताने ही मिलेंगे इस दुनिया ने मन में ठान ली !
तेरी सूरत अब लगने लगी है खुदा के जैसी,
क़दमों में तेरे अब हमने मोहब्बत अपनी सवाँर ली !
खुदा के आगे बंदे उसके सारे है एक जैसे,
किसी ने सुख में तो किसी ने दुःख में जिंदगी गुज़ार ली !
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