लटक जाएं पंखे से या जहर फांकने लग जाएं
अगर अपने गिरेबान में सब झांकने लग जाएं-
गरीबों की गुहार सुनाई नहीं देती उनको
दौलतमंद हो तो सारे बाशिंदे हो जातें हैं लोग
हर किसी के सामने फैलाया न करो दामन
फटा गिरेंबा देखकर अंधे हो जातें हैं लोग-
है कितना ऐब मुझ में, हर रोज माँपता हूँ
आईना बाद में,पहले गिरेबान झाँकता हूँ-
शुक्र मना ऐ वक़्त! तू इंसान नहीं है,
मुझ पर अब तू इतना मेहरबान नहीं है,
सपनों से रिश्ता तेरा तीन सौ दो का है,
लहू से खाली तेरा गिरेबान नहीं है।-
अब मैं अपने आस्तीन में सांप पाल लेता हूँ
जब भी वो डसने को आये गिरेबान झाँक लेता हूँ-
गलतियां जब दूसरों की गिनाया करो...
तो पहले खुद के गिरेबान में झांक कर आया करो...-
नहीं देखता दूसरों के घर या मकान में
झांकता हूं तो मैं बस अपने गिरेबान में-
कोई कहो उनकों की ज़रा झाँके अपने गिरेबान में
जिन्हें कमी दिखती है मेरे संस्कार और ख़ानदान में-
सब मारने को जाते हैं,
लेकिन अपने अंदर,
गिरेहबान में नहीं झाकते है।-