"बार बार गलती करके हम सीखते हैं।"
"क्या?"
"बार बार गलती करना।"-
गलती करते हो खफा भी होते हो
मोहब्बत करके दगा भी देते हो
फिर क्यों मेरी मोहब्बत का हिसाब तुम लेते हो ।-
वो तो बरसात सी आयी थी
हर बूंद में जिंदगी संग लायी थी
पर उसका जाना तो तय था,
कमबख्त गलती तो हमारी है
उसके आने से रोशनी क्या मिली
हम उसे सूरज की किरणे समझ बैठे।-
"क्या खोया क्या पाया" हमें कभी समझ न आया,
ग़लत का फल ग़लत ही आया ,जिंदगी ने बस यही सिखाया।-
अगर कोई गलती करें न,
तो उसे माफ कर देना चाहिए
क्योंकि गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं। हम दोनों इंसान हैं भगवान.. तो तू भी नहीं, मैं भी नहीं।
मैं तुझे तू मुझे इलजाम देते हैं,
मगर...
अपने अंदर झांकता तू भी नहीं, मैं भी नहीं ।
ये तो गलतफ़हमी ने दूरियां पैदा कर दी हम दोनों में
वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं।।-
सोचा एक दफा
वापस मिल लिया जाए तुमसे,
पर कम्बखत दिमाग़ हैं की
दिल को वापस गलती दोहराने की
इजाजत ही नहीं देता...-
उम्र में छोटा हूं,पर तजुर्बा बहुत रखता हूं,
मुझे आंकने कि गलती मत करना,बस देखने में बच्चा लगता हूं।-
महंगी चीजें गंदी क्यों होती हैं ये पता होता,
तो पापा में कभी गलती से भी जिद ना करता।-
"छोटी छोटी गलतियां हमें बड़ी बड़ी सीख दे जाती है और बड़ी बडी सीख हमें सफलता तक ले जाती है..."
-
मानते हैं हम से हो गई थी गलती लेकिन हमारा इरादा तुम्हारे दिल को चोट पहुंचाने का नहीं था।
-