कितनी दफा कहा मुझे हिचकियों से इश्क है ,
बस यूं करो हर वक्त मुझे याद किया करो !!
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हिसाब तेरी बेवफाई की है तो जाने दो ,बात मेरी मुहब्बत की है तो और बात है ,
मैं लायक नहीं तो जाने दो ,कोई और लायक है अब तो और बात है !!
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वैसे तो कई शक्स कई बार गये हैं जिंदगी से ,
मसला ये है की इस मर्तबा किसी से इश्क हो गया था !!
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भरा पड़ा है गम, है यह ग़मगीन ज़िन्दगी
जऱा जऱा सा प्यार है, कहीं-कहीं ज़िन्दगी,
ख़्वाईश औऱ क्या थी सिवा तेरे इन आँखों में
थोड़ा सा आसमां था थोड़ी सी जमीं ज़िन्दगी,
यूँ तो घुल-मिल के रहते हैं हम खुशियों से,
बस ख़लती है क़भी-क़भी तेरी कमी ज़िन्दगी,
रोज़ आहट होती है दिल के दरीचे से
रोज़ तेरे आने का होता है मुझे यकीं ज़िन्दगी,
यूँ तो सिवा तेरे भी चलती हैं यह साँसें मेरी
ज़िन्दगी है भी यह पऱ यह है भी तो नहीं ज़िन्दगी!-
कोई मांगे आपसे आपका,
दिल कहना हमने अपनी गवर्नमेंट,
के पास गिरवी रख दिया,
लगाकर उसनेे लाॅक नोएंट्री
का बोर्ड रख दिया है।-
जरूरतें तो हर कोई किसी तरह पूरी कर देता हैं,
मैं तो मेरे अपनों की ख्वाहिशें पूरी करना चाहता हूं।-
Part:१
कोई नही दरवाज़े पर
मगर कोई तो आए हैं,
जो छोड़ गई हैं मुझे
शायद हवाएं उसकी खबर लाए हैं
NoW i Go BaCk 6 years-
खुद का ज़िक्र किया तो लोग हसने लगे
दर्द बयां किया तो भी लोग हसने लगे
पर मैं भी चुप ना हुआ बोलता रहा , बोलता रहा
अचानक से एक सन्नाटा सा छा गया महफ़िल में
सब सुनने लगे गौर से मुझे
आंसु निकलने लगे आंखों से
जो कुछ वक़्त पहले ही हस रहे थे
शायद मेरे दर्द ने उन्हें खुद का हाल बता दिया हो
या पुराना जहन में कोई सवाल ला दिया हो
मैं फिर भी चुप ना हुआ बोलता रहा
लोग सुनते रहे सुबह से शाम हो आ ली पर
मैं चुप ना हो सका दर्द हज़ार थे वक़्त तो लगना था
थोड़े वक़्त बाद बोलते बोलते धीरे से में चुप हो गया
सबकी नजरें अभी भी मुझे में ही टिकी थी
पर मैं कुछ हल्का महसूस कर रहा था
जैसा पहले कभी नहीं हुआ वैसा
लगा दिल से किसी ने ईंट निकाल के रख दी हो
बोझ हल्का हो उठा मैं हसने लगा
सब कुछ पहले जैसा ही था बस फ़र्क इतना था कि
सब रो रहे थे और अब मै हस रहा था। ❤️
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मेरे तक़दीर का कोई.. कभी किनारा ना हुआ,
बदलते रहे चेहरे पे चेहरे.. कोई हमारा ना हुआ..
है तपिस मुझमें इतनी.. कि सारा जहां जला दूं,
बस अपने ही घर में.. मुझसे उजाला ना हुआ..!
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